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पबड़ा गोलीकांड के पीड़ित अरविंद मोथा नोनिया ने लगाई न्याय की गुहार, गैर जमानती वारंट के बाद मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहींं

पबड़ा गोलीकांड के पीड़ित अरविंद मोथा नोनिया ने लगाई न्याय की गुहार, गैर जमानती वारंट के बाद मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहींं

BEGUSARAI :  सहायक थाना मंझौल के पबरा गांव निवासी स्वर्गीय सोनेलाल मोथा नोनिया के पुत्र अरविंद मोथा नोनिया का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. जानकारी के अनुसार इस बार पीड़ित ने आरोपित पर मुक़दमा में समझौता करने एवं समझौता नहीं करने की स्थिति में पूरे परिवार सहित जान से मारने तथा झूठे केस में फंसाए जाने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए बेगूसराय पुलिस कप्तान सहित मुख्यमंत्री बिहार, मुख्य सचिव बिहार, पुलिस महानिदेशक बिहार एवं पुलिस उपनिरीक्षक बेगूसराय को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.

अपराधियों ने पीड़ित के सिर में मारी थी गोली  

  न्याय की गुहार हेतु प्रेषित आवेदन में पीड़ित ने बताया है कि पबड़ा पंचायत के मुखिया पति रजनीकांत प्रवीण उर्फ बौआ जी के द्वारा षड्यंत्र रच कर मेरे ऊपर तीन अपराधियों के द्वारा जान से मारने के नियत से गोली चलवाया गया. सिर में गोली लगने के बाद भी ईश्वर की कृपा से लगभग 10 दिनों के इलाज के बाद मेरी जान बच गई. इलाज के उपरांत हॉस्पिटल से वापस आने पर 05 जुलाई 2022 को मंझौल ओपी में आवेदन दिया. आवेदन के आधार पर केस संख्या 168/22 दर्ज किया गया. पुलिस ने अनुसंधान प्रारंभ कर तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजकर मामले का खुलासा कर दिया. उसी मुक़दमा  को उठाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.

मुक़दमा में आरोपी मुखिया पति के प्रभाव में है स्थानीय पुलिस 

 आवेदन में पीड़ित ने इस बात का उल्लेख किया है कि मुक़दमा मे आरोपी रजनीकांत प्रवीण के प्रभाव में स्थानीय पुलिस प्रशासन है. आरोपी पैरवी पहुंच और पैसे के बल पर मैनेज करते हुए मुक़दमा से अपना नाम ही हटवा लिया है. जिसकी जानकारी कई बार श्रीमान एवं अन्य उच्चाधिकारी को पत्राचार के माध्यम से दिया गया है. परंतु स्थानीय पुलिस हर हमेशा आरोपी का बचाव करते रही है. स्थानीय पुलिस ने कोर्ट में जब चार्जशीट दाखिल किया. तो माननीय अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के द्वारा उक्त मामले में आरोपी रजनीकांत प्रवीण पर विभिन्न सुसंगत धाराओं के तहत संज्ञान लिया गया. तथा आरोपी के खिलाफ न्यायालय से सम्मन जारी किया गया.

नन बेलेवल वारंट के बावजूद पुलिस नहीं कर रही गिरफ्तार 

सम्मन जारी होने के बाद निर्धारित तिथि पर आरोपी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ. तब जाकर न्यायालय ने बेलेवल वारंट जारी किया. बावजूद इसके आरोपी जब न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ तो न्ययालय ने नन बेलेवल वारंट जारी कर दिया. बावजूद इसके स्थानीय पुलिस प्रशासन आरोपी के प्रभाव में दिख रही है. पुलिस के उदासीन रवैया के कारण आरोपी का हौसला सातवें आसमान पर है. पीड़ित के अनुसार स्थानीय पुलिस के मेल में रहने के कारण आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है. जबकि आरोपी एवं उनके  गुर्गों के द्वारा मुक़दमा में समझौता करने तथा नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही है.

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