पृथक मिथिला राज्य की मांग के समर्थन में पदयात्रा का हुआ शुभारंभ, जानें कितने दशक से चली आ रही है मांग

पृथक मिथिला राज्य की मांग के समर्थन में पदयात्रा का हुआ शुभारंभ, जानें कितने दशक से चली आ रही है मांग

KHAGDIYA :. पृथक मिथिला राज्य की  मांग के समर्थन में गुरुवार को पदयात्रा की शुरुआत हुई. खगड़िया जिले से शुरू की गयी यह पदयात्रा विभिन्न शहरों- गावों से गुजरते हुए कुल 700 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी.

अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित इस यात्रा का नेतृत्व इंजीनियर शशि कुमार झा करेंगे. उनके साथ समिति से जुड़े पांच सदस्य भी रहेंगे. यात्रा के दौरान मिथिला राज्य के गठन की जरुरत, अलग मिथिला राज्य नहीं बनने से मिथिला भूमि को लगातार पिछड़ेपन का दंश झेलना आदि व्यवहारिक और प्रासंगिक मांगों से स्थानीय मिथिला निवासियों को अवगत कराया जाएगा.

पदयात्रा से पूर्व समिति की अगुवाई कर रहे इंजीनियर शशि कुमार झा ने कहा कि इस पदयात्रा से हम आम मिथिलावासियों को जोड़ेंगे और पृथक मिथिला राज्य की जरुरत के बारे में विस्तार से बताएँगे. वैसे यह मांग पिछले सौ साल से की जा रही है. 

1912 के पूर्व जब बिहार राज्य बना भी नहीं था तब से ही पृथक मिथिला की मांग की जा रही है. ओड़िशा और झारखण्ड को अलग राज्य का दर्जा मिल गया, लेकिन मिथिलांचल को अलग राज्य का दर्जा आज भी एक सपने की तरह ही है. अगर बिहार की 14 करोड़ की आबादी से मिथिला की आबादी निकल भी जाती है तो क्या फर्क पड़ता है ? इस मांग को पूरा कराने के लिए सामूहिक संघर्ष करने की जरूरत है और हम उस दिशा में अग्रसर हैं.

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