AURANGABAD : इन दिनों औरंगाबाद में महुआ कीट का आतंक धान के फसल के ऊपर एक महामारी का रूप ले लिया है जबकि औरंगाबाद जिला में सुखाड़ के कारण कई प्रखंडों में धान की रोपाई भी नहीं हुई थी जिला के कुल भूभाग का 20 से 25 प्रतिशत मे ही खरीफ फसल की रोपाई हुई हैं और उसपर भी मधुआ किट का प्रकोप इतना भयंकर हैं अब धन की फसल को बचा पाना मुश्किल हो गया है
बात कर रहे हैं बारुण प्रखंड के उन दर्जनों गाँव की जहाँ NEWS4NATION की टीम ने मौके पर जाकर किसानो की स्थिति का जायजा लिया। जैसे मौआर खैरा कोसडीहर जनकोप ,प्रीतमपुर, गम्हारी ,कदोखरी, बिसुनपुर, कर्मा मिसिर, एव्म अन्य दर्जनों गांव के किसानो से जब बातचीत की तो किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी की उदासीन रवैय्ये पर सवाल खड़ा कर दिया है।
कभी नहीं आते किसान सलाहकार
किसानों का कहना था कि हर पंचायत में सरकार के द्वारा एक किसान सलाहकार को रखा गया है, जो किसान के हर समस्या से विभाग को अवगत कराएगा लेकिन किसान सलाहकार किसी भी दिन किसान से मिलने नहीं आते जिसके कारण कृषि मे उत्पन्न समस्या की सही जानकारी समय से न तो जिला प्रशासन को मिल पाती हैं और नहीं सरकार को। जब तक सरकार को जानकारी मिलती हैं, लेकिन तबतक बहुत कुछ खत्म हो जाता हैं. जिसको लेकर किसानो मे खासे आक्रोश देखा जा रहा हैं.
किसानो ने बताया की बिहार के किसान आज भ्र्ष्टाचार की भेट चढ़ गये है । क्योंकि एक माह से मधुआ किट का प्रकोप जारी हैं और विभाग के द्वारा किसानों का सुधि नहीं लिया जा सकी। हा जब सब कुछ खत्म होगया तो उसका आकलन जरूर किया जा रहा है।
जब इसबिन्दु पर जिला पौधा संरक्षण पदाधिकारी जावेद आलम से बात किया गया तो उन्हों ने बताया कि धान के पौधा में मधुआ किट लगने की जानकरी हमे बहुत जल्द में प्राप्त हुई है जिसको लेकर किसानों को सही उपचार तथा दवा बताया जा रहा है और लोगो को अधिक जानकारी देने हेतु पर्चा छपने का आदेश दे दिया गया है बहुत जल्द ही पर्चा के माध्यम से भी मधुआ किट को रोक थान के लिए प्रचार प्रसार शुरु कर दिया जाएगा।