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पहले चरण के लोकसभा चुनाव के बाद टेंशन में बिहार बीजेपी के लीडर, डैमेज कंट्रोल की कवायद हुई तेज

पहले चरण के लोकसभा चुनाव के बाद टेंशन में बिहार बीजेपी के लीडर, डैमेज कंट्रोल की कवायद हुई तेज

Patna- पहले चरण का चुनाव खत्म होने के बाद बीजेपी की परेशानी थोड़ी बढ़ी हुई दिख रही है. पहले चरण में हुए चुनाव के साथ-साथ बाकी इलाकों से मिल रही इनपुट के बाद पार्टी नेतृत्व चौकन्ना हो गया है. लिहाजा पार्टी अब अपने परंपरागत वोटरों के गुस्सा को कम करने की कोशिश में जुट गयी है. केंद्रीय नेतृत्व के आदेश पर प्रदेश प्रभारी सहित तमाम वरिष्ठ नेता बीजेपी से नाराज चल रहे अपने परंपरागत वोटरों को मनाने के लिए सक्रिय हो गए हैं. अब उस समाज के कई नेताओं को बीजेपी में शामिल करा कर मैसेज देने की कोशिश की जा रही है कि बीजेपी आपको नजरअंदाज नहीं कर रही.

महाचंद्र सिंह-विनोद शर्मा को बीजेपी ज्वाईन करा मैसेज देने की कोशिश

बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आज पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह, कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता विनोद शर्मा सहित कई नेता जो भुमिहार समाज से आते हैं उनको पार्टी में शामिल कराया जाना है. दूसरे दल के कई नेता पार्टी में शामिल होंगे.  इससे बड़ी बात यह है की उन नेताओं को शामिल कराने के लिए बीजेपी के कई बड़े नेता अपना चुनावी प्रचार छोड़ कर उन्हें पार्टी में ज्वाईनिंग कराने के लिए मौजूद रहेंगे.

भूपेन्द्र-मोदी-नित्य़ानंद रहेंगे मौजूद

पार्टी की तरफ से जो जानकारी दी गई है कि मिलन समारोह में पार्टी के प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव, बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, मंत्री मंगल पाण्डेय मौजूद रहेंगे. बीजेपी ने कहा है कि आज कई महत्वपूर्ण नेता पार्टी में शामिल होने वाले हैं.

टिकट बंटवारे में समाज की उपेक्षा से नाराज हैं बीजेपी के परंपरागत वोटर

दरअसल बिहार में एनडीए और खासकर बीजेपी के टिकट बंटवारे से उसके परंपरागत वोटर नाराज हो गए थे. बताया जाता है कि इसका असर इस बार कई इलाकों में देखा भी जा रहा है. पहले चरण में मिले इनपुट के बाद इसकी पुष्टि भी हो गयी है कि उसके परंपरागत वोटर चुनाव के दिन सक्रिय रूप से नहीं दिखायी दे रहे. जानकार सूत्र बताते हैं कि बिहार के कई इलाकों खासकर, जहानाबाद, पाटलिपुत्र, महाराजगंज, मुजफ्फरपुर एवं अन्य जिलों से यह यह सूचना मिल रही है कि टिकट बंटवारे में तवज्जो नहीं दिए जाने से उक्त समाज अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहा है. लिहाजा वोट की चोट से टिकट बंटवारे में हुए अपमान का बदला लेने की कोशिश में है. बताया जाता है कि पहले चरण का चुनाव खत्म होने के बाद बीजेपी नेतृत्व को इसका अहसास भी हो गया. लिहाजा अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुट गयी है. 

अब देखना दिलचस्प होगा कि महाचंद्र सिंह सरीखे नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के बाद बीजेपी अपने परंपरागत वोटरों के गुस्से को कितना कम कर पाती है.


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