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दर्दनाक: कोरोना ने महज 32 दिनों में एक प्रोफेसर के परिवार को पूरी तरह से तबाह कर दिया, अब मातम मनाने के लिए भी सिर्फ बची तो बेचारी !

दर्दनाक: कोरोना ने महज 32 दिनों में एक प्रोफेसर के परिवार को पूरी तरह से तबाह कर दिया, अब मातम मनाने के लिए भी सिर्फ बची तो बेचारी !

DESK: वैश्विक महामारी कोरोना ने न जाने कितने लोगों को जख्म दिये। जख्म भी ऐसे, जिसकी भरपायी इस जन्म में शायद ही पूरी हो पाये। मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना का कहर एक परिवार पर कुछ इस तरह से बरपा कि पूरा परिवार ही खत्म हो गया, वो भी महज 32 दिनों में। अब इस परिवार में केवल बहू ही बची है, जिसकी शादी केवल 11 माह पहले हुई थी। ऐसी दर्दनाक खबर पर शायद ही किसी को विश्वास हो लेकिन यह हिंदुस्तान के कई परिवारों का दर्दनाक सच है।

पहले हुई पति की मौत

शहर के इंद्रलोक कॉलोनी निवासी डॉ प्रियंका जैन का परिवार ऐसा ही अभागा परिवार है, जो इस कोरोना में पूरी तरह से तबाह हो गया। दरअसल पिछले माह ही इस परिवार के दो सदस्य एक उठावने में गये हुए थे। खबर के अनुसार पहले इस परिवार में उमेश जैन की मौत हुई। वह शहर की प्रमुख एडवरटाइजिंग एजेंसी से जुड़े हुए थे। कुछ दिन पहले डॉ प्रियंका की तबीयत बिगड़ी। जिसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसके कुछ ही दिन बाद प्रियंका के पति बीमार हो गये। अभी वह संभलते की इसी बीच बेटे की तबीयत भी खराब हो गयी। कोरोना ने अपना विकराल रूप इस परिवार पर इस कदर दिखाया कि एक-एक कर के तीनों ही कोरोना से जंग हार गये। अब इस परिवार में केवल बहू अवनी बची है। अवनी के पिता अमित जोशी कहते हैं, केवल 11 माह पहले ही बेटी की शादी हुई थी। दोनों एक ही संस्थान में काम करते थे। पता नहीं था कि कुछ ही दिनों में हंसते-खेलते परिवार की खुशियां यूं छिन जाएंगी।

पायलट, शिक्षाविद थी डॉ प्रियंका

डॉ. प्रियंका जैन की गिनती शहर के प्रमुख शिक्षाविदों में होती थी। वो एक अच्छी पायलट भी थीं साथ ही उन्होंने डबल पीएचडी की थी। वे उज्जैन व जबलपुर यूनिवर्सिटी कार्यपरिषद की सदस्य रहीं। यूनिवर्सिटी के आईएमएस, आईआईपीएस सहित कई निजी कॉलेजों में भी वे विजिटिंग फैकल्टी रहीं।


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