बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

‘ऑपरेशन गंगा’ का मुरीद हुआ पाकिस्तान और बांग्लादेश, हर किसी की जुबां से निकल रहा ‘थैंक्यू मोदी जी’

‘ऑपरेशन गंगा’ का मुरीद हुआ पाकिस्तान और बांग्लादेश, हर किसी की जुबां से निकल रहा ‘थैंक्यू मोदी जी’

दिल्ली. रूस की भीषण आसमानी बमबारी के बीच से यूक्रेन से भारतियों को सुरक्षित निकालने के भारत सरकार के साहसिक निर्णय से देश के हजारों बच्चे वापस वतन लौट आए हैं. लेकिन इस विकट काल में हमारे कई पड़ोसी देश अभी भी अपने देश के नागरिकों को यूक्रेन से निकालने में सफल नहीं हुए हैं. इसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश का नाम भी शामिल है. लेकिन ऐसी विषम परिस्थियों में पड़ोसी देशों के लिए भारत का ‘ऑपरेशन गंगा’ देवदूत की भांति सहयोगी बना है. 

दरअसल यूक्रेन से निकलकर पडोस के कई देशों में पहुचे पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को वहां से अपने देश लौटने की कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में युद्ध भूमि में फंसे पाकिस्तान और बांगलादेश के नागरिक भारत से मदद की आस लगाये. और भारत सरकार ने भी उन्हें निराश नहीं किया. भारत ने पड़ोसी देशों के कई नागरिकों को सुरक्षित यूक्रेन से निकालकर पड़ोसियों का दिल जीत लिया है. 

भारत से मिले सहयोग के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ऑपरेशन गंगा के तहत बांग्लादेशी नागरिकों को बचाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा है. भारत ने अपने नागरिकों के साथ इस ऑपरेशन के जरिये 9 बांग्लादेशियों के अलावा नेपाल और ट्यूनेशियाई छात्रों को भी यूक्रेन से निकाला है. इनमें एक पाकिस्तान की अस्मा शफीक भी रहीं.

अस्मता शफीक ने यूक्रेन से अपनी सुरक्षित वापसी के लिए भारत को शुक्रिया कहा है. अस्मा ने एक वीडिया संदेश के जरिये कहा कि उन्हें भारतीय अधिकारियों ने बचा लिया. वे कहते सुनी गईं कि पश्चिमी यूक्रेन के रास्ते में हैं. बहुत जल्द उनका अपने परिवार से मिलना होगा. बता दें कि पाकिस्तान के कई छात्रों ने भारतीय तिरंगे का सहारा लेकर वहां से निकलने में सफलता पाई थी. एक पाकिस्तानी छात्रा ने यहां तक कहा था कि‘हमसे बेहतर तो इंडिया है.

यूक्रेन से ऑपरेशन गंगा के तहत पिछले करीब एक पखवाड़े से 17400 से अधिक भारतीयों को वापस लाया जा चुका है. हालांकि अभी भी कुछ भारतीय वहां फंसे हुए हैं या फिर वे पडोस के देशों में हैं. ऐसे लोगों को भी निकालने के लिए भारत सरकार तेजी से प्रयासरत है. 



Suggested News