SAHARSHA : लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए सहरसा के लाल कुंदन कुमार आज पंचतत्व में विलिन हो गए। शहीद कुंदन को उनके पांच वर्षीय पुत्र ने रोशन ने मुखाग्नि दी। इस दौरान मौके पर मौजूद सभी की आंखे नम हो गई।
सोमवार को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसा के दौरान शहीद हुए सहरसा निवासी कुन्दन कुमार का पार्थिव शरीर गुरुवार की देर शाम उनके पैतृक गांव सत्तरकटैया प्रखंड के आरण लाया गया। शहीद कुंदन के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही पूरा गांव शोककुल हो गया। वहीं शहीद कुंदन की एक झलक पाने के लिए पूरा गांव उमर पड़ा है।
वहीं आज दिन के तकरीबन 11 बजे शहीद कुंदन का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अंतिम संस्कार से पहले पूर्व असम के जवानों द्वारा शहीद कुंदन को गार्ड ऑफ ऑनर और शस्त्र सलामी दी गई। उसके बाद शहीद के 5 वर्षीय पुत्र रौशन कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दृश्य को देखकर मौके पर मौजूद सभी लोगों की आंखे भर आई।
शहीद कुन्दन कुमार के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने के बिहार के पीएचडी मंत्री विनोद नारायण झा, अनुसूचित जाति सह जनजाति मंत्री रमेश ऋषिदेव, मधेपुरा सांसद दिनेशचंद्र यादव, राजद विधायक अरुण यादव सहित कई जनप्रतिनिधि शहीद के गांव आरण पहुंचे थे।
वहीं मौके पर आर्मी के कई अफसरों के साथ-साथ सहरसा के जिलापदधिकारी कौशल कुमार, कोशी रेंज के डीआईजी सुरेश प्रसाद, एसपी राकेश कुमार सहित जिले के कई आलाधिकारी भी मौजूद थे।
सहरसा से मो. शौकत अली