न्यूज़ 4 नेशन डेस्क : आज रविवार को शारदीय नवरात्र का पांचवा दिन है और पांचवें दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है. मोक्ष की द्वार खोलने वाली स्कंदमाता परम सुखदायी हैं. इनकी पूजा करने से भक्तों को सुख और शांति मिलती है. मां सिंह पर विराजमान रहती हैं और मां के गोद में भगवान कार्तिकेय रहते हैं.
मां स्कंदमाता नाम क्यों पड़ा
भगवान स्कंद 'कुमार कार्तिकेय' नाम से भी जाने जाते हैं. देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जानते हैं.
मां स्कंदमाता का ध्यान मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
या
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
मां स्कंदमाता को इन चीजों का भोग लगाएं
पंचमी तिथि के दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है और उन्हें केले का भोग लगाना चाहिए। यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है.