कैमुर। जिले में प्रशासन के लाख मना करने के बाद भी लोग खेतों में पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं जिसके कारण अगलगी की घटनाएं हो रही है।आज पराली के आग से मोहनिया प्रखंड के बेर्रा गांव के एक किसान के 3 एकड़ खेत के धान तथा 2 एकड़ धान की फसल काटकर छोड़ी गई थी वह भी फसल जल गई।
बेर्रा गांव निवासी किसान लल्लन पांडे बताते हैं कि धान की फसल काटकर छोड़ी गई थी वहीं दौनी कर खेत के बगल में ही बने खलिहान में धान रखा गया था। बगल के खेत में हार्वेस्टर से काटे जाने के बाद गिरे पुआल में किसी ने आग लगा दी। आग हमारे खेत और खलिहान तक पहुंच गई आग से करीब 3 एकड़ खेत के लगी धान की फसल जल गई तथा कटे हुए धान जो छोड़ा गया था वह 2 एकड़ जल गया। आग को देख काफी संख्या में ग्रामीण दौड़े तत्काल मोटर पंप चला कर खलिहान में रखे धान की आग को बुझाया गया। वहीं ग्रामीणों के सहयोग से बगल के खलिहान में आग पहुंचने से रोका गया। समय से अगर आग पर काबू नहीं पाया गया होता तो आग काफी दूर तक जा सकती थी और किसान का धान जल सकता था ।
ग्रामीण के द्वारा बताया गया कि हल्ला पर हम लोग आएं आग पर काबू पाये, 2 एकड़ कटा हुआ फसल जल गया तथा खलीहान में रखें 3 एकड़ की फसल जल गई, टोटल 5 एकड़ जमीन का फसल जला है। लगभग एक से डेढ़ लाख का नुकसान हुआ है।
वही मोहनिया अंचलाधिकारी राजीव कुमार बताते हैं कि ग्रामीण के द्वारा हमें सूचना मिली है यदि आवेदन आता है तो हल्का कर्मचारी और कृषि विभाग के कोई कर्मी को भेजकर हमारे द्वारा जांच कराया जाएगा। जांच उपरांत जो रिपोर्ट आएगा उसके मुताबिक जले हुए अनाज की मुआवजा किसान को देगे। यह प्रावधान है हमारे द्वारा दिया जाएगा ।