Patna: पटना-गया-डोभी फोर लेन बनने का रास्ता अब साफ होता हो गया है. 125 किलोमीटर लंबे इस हाईवे के निर्माण का फैसला केंद्रीय कैबिनेट ने करीब 6 साल पहले ही लिया था. लेकिन जिन एजेंसियों को सड़क निर्माण का काम दिया गया वह बीच में ही सरेंडर कर गए. परिणाम यह हुआ कि उसके बाद से लगातार 5 साल तक से इस हाईवे का काम बाधित है. पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने बताया है कि दो एजेंसियों का चयन कर लिया गया है. अब सड़क के निर्माण में बाधा नहीं आएगी.
गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट में भी इस हाइवे के निर्माण में आ रही बाधा को लेकर पीआईएल दाखिल किया गया था. जिस पर लगातार हाई कोर्ट के द्वारा सुनवाई की जा रही थी इतना ही नहीं पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल जब सड़क मार्ग से गया गए थे तो उस दौरान भी यह हाईवे चर्चा में आया था. बाद में सरकार को जल्द से जल्द इसकी मरम्मत करने को कहा गया था और तीन जिला के डीएम को बुलाकर पटना उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि हाईवे में आ रही बाधाओं को जल्द से जल्द दूर कर इसकी कम से कम मरम्मत करें.
पटना-गया-डोभी फोरलेन हाईवे बनाने के लिए 5 साल बाद दो एजेंसियों का चयन कर लिया गया है. चयनित एजेंसी 650 करोड़ में 2 साल में हाईवे के पटना जिला में पढ़ने वाले सरिस्ताबाद से पुनपुन होते मसौढ़ी तक फोरलेन सड़क बनाएगी. पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने बताया है कि सरकार सड़क बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है. सरकार चाहती है कि पटना से गया और डोभी तक लोग सिर्फ 100 मिनट में पहुंच जाएं.
गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट के फटकार के बाद पटना गया डोभी फोर लेन हाईवे बनाने के लिए तीन पैकेज में बांटकर टेंडर फाइनल कर एनएचएआई ने सड़क निर्माण का रास्ता अब साफ कर दिया है. बता दें कि पैकेज टू और थ्री का काम पहले ही आवंटित कर दिया गया था. अब पैकेज वन के लिए एजेंसी के चयन हो जाने के बाद पटना गया डोभी फोर लेन 2 साल में बन जाएगा जिस पर 650 करोड़ की लागत आएगी.