PATNA: बिहार में कोरोना 36000 के पार जा चुका है लगातार बिगड़ते हालात के बीच पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर तैयारियों का पूरा लेखा-जोखा का एक एफेडेविट फाइल करने को कहा है।बिहार में कोरोना को लेकर क्या इंतजाम है और सरकार का ब्लूप्रिंट क्या कुछ है इससे 4 दिन में बताने को कहा है ।
बता दें कि दिनेश कुमार सिंह की तरफ से दायर पीआईएल की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संजय कुमार सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक एफेडेविट फाइल करने को कहा है। पीआईएल के वकील दीनू कुमार,रितुराज कुमार और रितिका रानी ने बताया कि चीफ जस्टिस और जस्टिस संजय कुमार सिंह के खंडपीठ ने दिनेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि बिहार सरकार एक एफेडेविट फाइल करे जिसमें यह आंकड़ा प्रस्तुत हो कि बिहार की जनसंख्या कितनी है?
कोविड-19 के लिए कितने जांच केंद्रों की व्यवस्था की गई है? कोविड-19 के लिए कितने अस्पतालों को तैयार किया गया है और कितने में इलाज चल रहा है। कितने आइसोलेशन सेंटर बिहार में चल रहे हैं। हॉस्पिटल्स में चिकित्सकों की संख्या कितनी है? कोविड-19 सेंटर पर कितने कर्मचारी काम कर रहे हैं। एंबुलेंस की संख्या कितनी है। साथ ही सरकार यह भी बताए कि कोविड-19 से मरने वाले मरीजों के लाशों का डिस्पोजल कैसे किया जा रहा है? इतना ही नहीं यह भी कहा गया है कि सरकार बताए कि टेस्टिंग किट कितना मंगवाया गया और अभी कितना उसके पास है, पीपीपी कीट की व्यवस्था क्या है।
सरकार के पास कितने ऑक्सीजन सिलेंडर हैं ।आईसीयू सेंटर का आंकड़ा क्या है? दोनों जजों ने यह भी कहा है कि कोविड-19 से लड़ने के लिए कितने उपकरण सरकार के पास हैं। सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था किस तरीके से की गई है। यह भी कहा गया है कि जांच केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है या नहीं ?यह भी पूछा गया है कि आखिर मरीज को जिला से पटना रेफर क्यों किया जाता है? इसका भी जवाब मांगा गया है कि सेरो सर्वे की स्थिति राज्य में क्या है।
साथ ही रैपिड एंटीजन टेस्ट रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट से भी सम्बंधित आंकड़े एफेडेविट में देने को कहा गया है। वकील दीनू कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार के द्वारा एफेडेविट प्रस्तुत करने के बाद सुनवाई 7 अगस्त होगी।