पटना. हाईकोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता को केस डायरी और चार्जशीट की प्रति उपलब्ध नहीं होने को काफी गम्भीरता से लिया है। जस्टिस जीतेन्द्र कुमार ने एक जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान यह पाया कि सरकारी अधिवक्ता के पास केस डायरी उपलब्ध नहीं हैं।
कोर्ट ने कहा कि इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्रवाई करने की जरूरत हैं। उन्होंने जिलों के एसपी/ एसएसपी को निर्देश दिया कि सरकारी अधिवक्ता को केस डायरी और चार्जशीट की कॉपी उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। अन्यथा न्यायिक कार्य सही ढंग से संपन्न नहीं होगा और ऐसी परिस्थितियों में न्याय सही ढंग से नहीं हो पाने की भी संभावना हो सकती है।
साथ ही कोर्ट ने कहा कि जमानत याचिका के दायर होने के साथ सरकारी अधिवक्ता एजी ऑफिस से इस सम्बन्ध में जानकारी ले कर सम्बंधित एसपी/एसएसपी को केस डायरी और चार्जशीट उपलब्ध कराने की सूचना देंगे।
कोर्ट ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि जिस सरकारी अधिवक्ता को केस सौंपा जाता है, या तो कोर्ट में नहीं होते या दूसरे कोर्ट में केस कर रहे होते हैं। ऐसे में ये आवश्यक है कि सभी ऐसे कोर्ट के लिए अलग-अलग स्टैंडिंग कोंसिल हो, जो कि केस का संक्षिप्त अध्ययन कर कोर्ट के समक्ष मामले पर कोर्ट को सहयोग दे सके।
कोर्ट ने इस मामले में कार्रवाई के लिए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को आदेश की प्रति प्रेषित करने का निर्देश दिया। इस मामलें पर अगली सुनवाई 3 अगस्त 2022 को होगी।