PATNA : पटना हाईकोर्ट के एक फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है। मामला दुष्कर्म के आरोपियों को एक दिन की सुनवाई में सजा देनेवाले जज के निलंबन से जुड़ा है। । पटना हाईकोर्ट ने अररिया के एडीजी रहे शशिकांत राय को इस साल फरवरी में निलंबित कर दिया गया था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने वापस लेने को कहा है। साथ ही कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि जब तक किसी जज के खिलाफ दुर्भावना या भ्रष्टाचार जैसा कुछ स्पष्ट कारण न हो, तब उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
यह था पूरा मामला
बिहार के अररिया में पॉक्सो स्पेशल कोर्ट में तैनात रहने के दौरान जज शशिकांत राय ने पिछले साल महज एक दिन में पॉक्सो एक्ट के एक मामले में फैसला सुना दिया और रेप के आरोपी को उम्रकैद की सजा हुई। इसके अलावा एक अन्य मामले में उन्होंने महज चार दिन में फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत फांसी की सजा सुनाई थी। पटना हाईकोर्ट के संज्ञान में जब ये मामला आया तो उन्होंने तुरंत जज शशिकांत राय को निलंबित कर दिया।
नाराज सुप्रीम कोर्ट
मगर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के निलंबन के आदेश पर नाराजगी जताई। 8 अगस्त को शीर्ष अदालत के जस्टिस यूयू ललित और एस रविंद्र भट्ट की बेंच ने कहा कि जब तक किसी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार और दुर्भावना का स्पष्ट कारण न हो, तब तक उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा आप यह कह सकते हैं कि वह ज्यादा उत्साही अधिकारी हैं। आखिरकार यह संस्था का मामला है, जब किसी न्यायायिक अधिकारी के खिलाफ कुछ कहा जाता है तो उसका असर संस्था पर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इससे ये संदेश जाएगा कि न्याय देने वाले को ही दंडित किया जा रहा है। SC ने पटना हाईकोर्ट को अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए 10 दिन का समय दिया था।