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हमारी लाश पर बनेगा पटना हाईकोर्ट के जजों का महल : अपना घर बचाने के लिए राजीव नगर के लोगों ने शुरू की अंतिम लड़ाई

हमारी लाश पर बनेगा पटना हाईकोर्ट के जजों का महल : अपना घर बचाने के लिए राजीव नगर के लोगों ने शुरू की अंतिम लड़ाई

PATNA : पिछले कई सालों से पटना के राजीव नगर में रहे सैकड़ों परिवार अब अपना आशियाना बचाने के लिए आखिरी लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तैयार हैं। उनका कहना है कि यहां हाईकोर्ट के जजों का महल तभी बनेगा, जब हम सभी को यहां दफन किया जाएगा। रविवार को डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के आवास पर सैकड़ों की संख्या में पहुंचे राजीव नगर के लोगों ने साफ कर दिया कि वह मरना पसंद करेंगे, लेकिन अपनी मेहनत की कमाई से खरीदी गई जमीन से नहीं हटेंगे। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर उन्होंने सरकार से दखल देने की मांग की है। 

सीओ पर जताई नाराजगी

डिप्टी सीएम के आवास के बाहर धरने पर बैठे राजीव नगर के लोगों ने बताया कि यहां के सीओ द्वारा मनमानी की जा रही है। शायद ही कभी कहीं ऐसा सुना गया होगा कि 50 साल पहले जिस जमीन का अधिग्रहण किया, उसमें किसी को आज तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया। कई सालों बाद अचानक कह दिया जाता है कि यह जमीन  हमारी है। जबकि इस जमीन की खरीदी को लेकर हमलोंगों ने सारी सरकारी प्रक्रिया को पूरा किया था। तब न तो आवास बोर्ड ने आपत्ति जताई और न ही जिला प्रशासन को यह गलत नजर आया। अब जब यहां कई घर बन गए तो उन्हें अवैध बताकर खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया।

सभी घरों में खाना बनना भी बंद

अपना घर बचाने के लिए उप मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाने पहुंचे राजीव नगर के लोगों ने बताया कि जबसे नोटिस मिला है. सबकी नींद उड़ी हुई है। कईयों के घर पर खाना नहीं बन रहा है। उन्हें चिंता  हो रही है कि अब आगे क्या होगा। अखबारों में छपता है कि घरों को तोड़ने के लिए दस बुलडोजर तैनात किए जा रहे हैं। विरोध रोकने के लिए दो हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। हमलोंगों को सूझ नहीं रहा है कि अब इससे बचने के लिए क्या कर सकते हैं। ऐसे में हम अपनी सरकार से उम्मीद लगा रहे हैं कि वह हमारे साथ न्याय करें। 

नहीं बनने देंगे घर

इन लोगों का कहना है कि यहां किसी भी हालत में जजों का घर नहीं बनने देंगे। उनका कहना था कि घर बनाना है तो सबसे पहले यहां एक गड्ढा बनाना होगा, जिसमें हम सबको दफन करें, उसके ऊपर जजों के लिए महल तैयार कर सकते हैं। लेकिन ऐसे हम अपनी जगह को जाने नहीं देंगे

गौरतलब है कि दीघा आशियाना रोड के पश्चिमी भाग में स्थित 400 एकड़ खाली भूमि को आवास बोर्ड अपनी दावेदारी जताई है। इस जमीन के लगभग 20 एकड़ जमीन के 23 खसरे पर 70 घरों का निर्माण किया गया है। आवास बोर्ड ने इन निर्माण को अवैध बताया है और जमीन को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है। जिसके बाद अब यहां के लोगों की चिंता बढ़ी हुई है।



  

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