BJP के पूर्व जिलाध्यक्ष के खिलाफ दर्ज FIR को पटना हाईकोर्ट ने किया रद्द, पुलिस पर की सख्त टिप्पणी

BJP के पूर्व जिलाध्यक्ष के खिलाफ दर्ज FIR को पटना हाईकोर्ट ने किया रद्द, पुलिस पर की सख्त टिप्पणी

PATNA: सोशल मीडिया में शराब पीने के वायरल वीडियो के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप कुमार ने रद्द कर दिया है। उक्त वायरल वीडियो 18 जुलाई 2021 में झंझारपुर के तत्कालीन भाजपा जिलाध्यक्ष से सम्बंधित था। जिसके आधार पर झंझारपुर थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद भाजपा नेता को जिलाध्यक्ष पद से भी हटना पड़ा था।

बता दें कि, अपने फैसले में उच्च न्यायालय ने पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े किये। कोर्ट के आदेश के मुताबिक इस मामले में पुलिस शराब या उसकी बोतल बरामद नहीं कर सकी। साथ ही वीडियो में घटनास्थल बिहार का है अथवा किसी अन्य राज्य का इसका भी पता पुलिस नहीं लगा पाई है। अपनी टिप्पणी में कोर्ट ने कहा कि सिर्फ फेसबुक पोस्ट के आधार पर किसी व्यक्ति के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत नहीं किया जा सकता।

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष सियाराम साह एंव दो अन्य लोगों के विरुद्ध झंझारपुर थाना में 21.7.2021 में झंझारपुर के थानाध्यक्ष के द्वारा नई उत्पाद मध निषेध अधिनियम 2018 के उल्लंघन को लेकर प्राथमिकी दर्ज किया गया है। थानाध्यक्ष चन्द्रमनी ने प्राथमिकी में बताया था कि सोशल मीडिया पर 18 सकेंड का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें भाजपा के जिलाध्यक्ष के द्वारा अवैधानिक रुप में एक कमरे में बैठकर शराब का सेवन कर रहे थे।

वहीं उत्पाद अधिनियम 2018 के तहत रखे टेबल पर शराब की बोतल अधिनियम का उल्लंघन था। जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं अब हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है। 

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