बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

पटना हाईकोर्ट की फटकार, महत्वपूर्ण स्थानों को संरक्षित करने की परवाह ना तो केंद्र को और ना ही राज्य सरकार को, लोमस-याज्ञवल्क ऋषि की गुफाओं पर हुई सुनवाई

पटना हाईकोर्ट की फटकार, महत्वपूर्ण स्थानों को संरक्षित करने की परवाह ना तो केंद्र को और ना ही राज्य सरकार को, लोमस-याज्ञवल्क ऋषि की गुफाओं पर हुई सुनवाई

PATNA: पटना हाईकोर्ट ने गया के ऐतिहासिक लोमस और याज्ञवल्क ऋषि की गुफाओं के संदर्भ में विनय कुमार सिंह की जनहित याचिका को सुनते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकार को हलफनामा दायर कर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इस जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

हाईकोर्ट ने कहा कि लोमस और याज्ञवल्क ऋषि की गुफाएं केवल ऐतिहासिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि जैव विविधता के दृष्टि से भी बहुत  महत्वपूर्ण है। ऐसे स्थानों को संरक्षित करने की बजाए समाप्त किया जा रहा है। इसकी परवाह न तो केंद्र सरकार को है, ना ही राज्य को है। इन पहाड़ के जंगल व आसपास होने वाले खनन कार्य पर पटना हाईकोर्ट ने 20 जुलाई, 2021 को रोक लगा दी थी। इस रोक को अगली सुनवाई तक जारी रखने का कोर्ट ने निर्देश दिया था। 

सुनवाई के दौरान कुछ लोगों ने हस्तक्षेप अर्जी के जरिये खनन कार्य पर से रोक हटाने का अनुरोध किया, जिसे हाई कोर्ट ने नामंजूर कर दिया। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि 1906 में प्रकाशित तत्कालीन गया जिले के गज़ट में दोनों पहाड़ियों क   सिर्फ पुरातात्विक महत्त्व ही नही बताया गया हैं, बल्कि वहां की जैव विविधता के बारे में भी अंग्रजों ने लिखा है। उन पहाड़ियों के 500 मीटर के दायरे में झरना, बरसाती नदी और फैला हुआ वन क्षेत्र है। उस जंगल को अवैध खनन कर बर्बाद किया जा रहा है।

लोमस और याज्ञवल्क पहाड़ियों को पुरातत्विक स्थल बनाने का हाईकोर्ट से आग्रह किया गया। कोर्ट ने दोनों पहाड़ियों के वन क्षेत्र विस्तार और रिहाइशी बस्तियों के बिंदु पर राज्य व केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 15 नवंबर, 2021 को की जाएगी।

Suggested News