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पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली सड़कों की स्थिति पर बिहार सरकार से पटना हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली सड़कों की स्थिति पर बिहार सरकार से पटना हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

पटना. पटना हाईकोर्ट ने पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण व बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामलें पर सुनवाई की। भरत प्रसाद सिंह की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को प्रगति रिपोर्ट अगली सुनवाई में देने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम ने बताया कि गोला रोड़ की ओर से जोड़ने वाले सड़क का काम तीन वर्षों से चल रहा है, लेकिन कोई खास प्रगति नहीं हुई है । साथ ही  एन टी पी सी रोड़ 600 मीटर लम्बी है,लेकिन इसमें भी भू अर्जन का कार्य पूरा  नही हो पाया है। एम्स एलीवेटेड रोड़  के निर्माण में होने वाले व्यय में  राज्य सरकार ने रेलवे को आधा हिस्सा देने को कहा,लेकिन रेलवे ने स्पष्ट किया कि  चूँकि ये रेलवे का प्रोजेक्ट नहीं है,इसलिए इसमें रेलवे सहयोग नहीं कर सकेगा।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि सभी सम्बंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को चारों ओर से जोड़ने की योजना पर विचार हुआ,ताकि सभी ओर से यात्रियों को स्टेशन आने में सुविधा हो।एन टी पी सी रोड ,जिसकी लम्बाई 600 मीटर और चौडाई 22 मीटर होगी।इस मुख्य सड़क से तीन और सडकें मिलती हैं। साथ ही ये भी कोर्ट को बताया गया था कि एम्स एलिवेटेड रोड को स्टेशन तक बढ़ाने की योजना हैं,ताकि यात्री सीधे स्टेशन पहुँच सके। पश्चिम की तरफ से  दानापुर और गोला रोड की ओर से आने वाले यात्रियों के लिए नहर की सड़क को चौडा किये जाने की योजना हैं।

इस मामले पर पूर्व की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाटलिपुत्र स्टेशन के चारों तरफ से सड़क निर्माण में होने वाले व्यय का ब्यौरा अधिकारियों की टीम को  देने का निर्देश दिया था। इसमें राज्य के नगर विकास व सड़क निर्माण विभाग के प्रधान सचिव व रेलवे के अधिकारी शामिल थे। कोर्ट ने उक्त टीम को सड़क निर्माण में होने वाले व्यय का ब्यौरा मांगा था।  याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण तो काफी पहले ही हो गया था, लेकिन वहां तक सभी ओर से पहुंचने के लिए सड़कें नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। 

कोर्ट को यह भी बताया  गया कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन पर रेलों का परिचालन काफी पहले ही प्रारम्भ हो गया है, लेकिन नागरिकों के लिए बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह उपलब्ध नहीं हो सकी है। इस मामले पर पुनः 2 फरवरी,2024 को सुनवाई की जाएगी।

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