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कोरोनाकाल में पटना हाईकोर्ट ने देश में स्थापित किया कीर्तिमान, 26 हजार मामलों का किया वर्चुअल निष्पादन

कोरोनाकाल में पटना हाईकोर्ट ने देश में स्थापित किया कीर्तिमान, 26 हजार मामलों का किया वर्चुअल निष्पादन

Patna : कोरोनाकाल में पटना हाईकोर्ट ने 26 हजार मामलों का वर्चुअल निष्पादन कर एक कीर्तिमाम स्थापित किया है। उक्त बातें बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कही है। 

आज भाजपा विधि प्रकोष्ठ की वर्चुअल बैठक को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोरोनाकाल में पटना उच्च न्यायालय ने वर्चुअल तरीके से सुनवाई कर 26 हजार से ज्यादा मामलों का निष्पादन कर पूरे देश में एक कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि बहुत जल्द पूर्ववत फिजिकल उपस्थिति के द्वारा न्यायालय काम करना प्रारंभ कर देगा। 

उन्होंने कहा कि पोस्को एक्ट(लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम-2012)से संबंधित मामलों के निष्पादन के लिए 23 जिले जहां 300 से कम मामले लम्बित है, वहां एक-एक और 11 जिले जहां 300 से अधिक मामले हैं। वहां दो-दो यानी कुल 45 कोर्ट का गठन किया गया है। इसी प्रकार शराबबंदी से जुड़े मामले के निष्पादन के लिए पहले से प्रत्येक जिले में गठित एक-एक कोर्ट के अलावा 74 और न्यायालय तथा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत सभी जिलों में एक-एक विशेष कोर्ट का गठन किया गया है। 

सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की मदद से 167 करोड़ की लागत से पटना उच्च न्यायालय के भवन के निर्माण के साथ ही 66 डिसमिल जमीन पर 11 करोड़ की लागत से अधिवक्ताओं के लिए एक चार मंजिला भवन का निर्माण पूरा कर लिया गया है, जिसमें करीब डेढ़ हजार अधिवक्ता बैठ सकेंगे। 

वहीं अधिवक्ता कल्याण कोष के लिए हर एफिडेविट और आवेदन पर लगने वाले शुल्क को 15 से बढ़ा कर 25 रुपये कर दिया गया है, जिससे उन्हें दुर्घटना, मृत्यु आदि विशेष स्थिति में मदद की जाती है। ई-स्टाम्प के प्रयोग से फर्जीवाड़ा पर कारगर रोक लगी है।

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