पटना : पटना-गया राष्ट्रीय उच्चपथ की दयनीय हालात को लेकर हाईकोर्ट कई सरकार को फटकार लगा चुका है. एक बार फिर से पटना हाईकोर्ट ने पटना गया रोड की दयनीय हालात पर सुनवाई करते केन्द्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.
8 जून तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश
पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में 8 जून तक कार्रवाई कर रिपोर्ट तलब की है. मुख्या न्यायधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है.
कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि इससे साथ ही वह बोधगया मंदिर के आसपास की सड़कों के संबंध में पूरा ब्यौरा पेश करें. सुनवाई के समय कोर्ट को बताया गया कि पटना और गया ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के शहर हैं.दोनों शहरों के बीच मात्र 100 किलोमीटर का फासला है लेकिन सड़क की बदहाली की वजह से इस सड़क पर सफर करना काफी मुश्किल है.
वहीं हाईकोर्ट ने लोकायुक्त की कार्यशैली पर टिप्पणी की है. पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि राज्य की लोकायुक्त संस्था बिहार लोकायुक्त अधिनियम या केंद्रीय लोकायुक्त, लोकपाल कानून से बाहर जाकर कोई निर्णय ले या दे नहीं सकते हैं. कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि अगर किसी लोक सेवक के खिलाफ यदि कोई शिकायत मिलती है जिसमें भ्रष्टाचार निरोध कानून के तहत अपराध किए जाने, पद का दुरुपयोग किये जाने या सत्यनिष्ठा से हटकर निजी या आर्थिक लाभ लेने की शिकायत हो तभी उस मामले पर जांच पड़ताल के बाद और आरोप सही पाये जाने पर लोकायुक्त संस्था बिहार लोकायुक्त अधिनियम के तहत कोई कार्रवाई कर सकता है.