Patna: दैनिक कार्य सूची की जटिलता और उससे उत्पन्न समस्याओं में सुधार नहीं होने के विरोध में बीते शुक्रवार की दोपहर बाद से पटना हाईकोर्ट में वकीलों के न्यायिक कार्य नहीं करने के निर्णय को अगले मंगवार तक के लिए बढ़ा दिया गया है. पटना हाई कोर्ट के तीन अधिवक्ता संघों की समन्वय समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आम वकीलों की भावना को देखते हुए 18 फरवरी में तक हाई कोर्ट के सभी वकील न्यायिक कार्य से अलग रहेंगें.
गौरतलब है कि लिस्टिंग प्रणाली और अर्जेंट मेंसनिंग में गड़बड़ी की शिकायत कर थक चुके पटना हाईकोर्ट के सभी वकील बीते शुक्रवार को बेमियादी हड़ताल पर चले गए. इसका असर न्यायिक कामकाज पर भी पड़ा. संघ की मांग है कि पुरानी लिस्टिंग की प्रक्रिया लागू करने के साथ सभी जजों को अर्जेंट मेंसनिंग का अधिकार देनें की मांग की गई है.
वकीलों की शिकायत है कि मुकदमों की सूची की नई प्रणाली उनके समझ से परे है. उन्हें पता ही नहीं चलता कि मामले की सुनवाई कब और किस अदालत में होगी.
वकील प्रतिनिधियों का कहना था दिक्कतों के बारे में मुख्य न्यायाधीश को बताया जा चुका है, कोई सुधार नहीं हुआ है.
समन्वय समिति की आज हुई बैठक में सभी परिस्थितियों पर विचार विमर्श कर आगे की रणनीति पर सहमती के बाद ये फैसला लिया गया है. निर्णय की कॉपी राष्ट्रपति, उप- राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एवं कोलोजियम के सभी जजों के साथ कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, गृह मंत्री के साथ साथ पीएम मोदी और पटना हाईकोर्ट के सभी जजों को भेजा गया है.