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हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, "थाने में दर्ज प्राथमिकी को राज्य पुलिस की वेबसाइट पर फौरन अपलोड क्यों नहीं किया जाता ?"

हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, "थाने में दर्ज प्राथमिकी को राज्य पुलिस की वेबसाइट पर फौरन अपलोड क्यों नहीं किया जाता ?"

PATNA :  सूबे के थाने में दर्ज हुई प्राथमिकी को राज्य पुलिस के वेबसाइट पर फौरन अपलोड क्यों नहीं किया जाता, इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया है। सूबे के प्रत्येक पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज होते ही उसे 24 घण्टे के अंदर ही राज्य पुलिस के वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को एक हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश एम आर शाह की खंडपीठ ने एडवोकेट धनंजय कुमार की जनहित याचिका को सुनते हुए उक्त आदेश दिए। 

याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से दायर रिट याचिका की सुनवाई करते हुए, दो साल पहले ही सभी राज्य की पुलिस को आदेश दिया गया था कि राज्य पुलिस की वेबसाइट पर थाने में दर्ज होने वाले प्रत्येक एफआईआर को 24 घण्टे के अंदर अपलोड किया जाए। झारखण्ड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड जैसे कई राज्यों में 24 घण्टे के अंदर ही दर्ज हुई प्राथमिकी को अपलोड कर दिया जाता है किंतु बिहार के सभी थानों में यह प्रणाली नहीं विकसित हो सकी है। मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।


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