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पटना के रियल कोरोना वॉरियर की कहानी, महज 3 दिनों में कोरोना को दी दे मात,बताया कैसे बुखार और कफ पर किया कंट्रोल

पटना के रियल कोरोना वॉरियर की कहानी, महज 3 दिनों में कोरोना को दी दे मात,बताया कैसे बुखार और कफ पर किया कंट्रोल

पटना : बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते दहशत के बीच रविवार को एक खुशखबरी आई । वह यह एनएमसीएच में भर्ती दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।  इसमें एक गुजरात के टावर कुंडला स्टेशन पर ट्रैक मेंटेनेंस का काम करने वाला लड़का था। जो 8 मार्च को पटना आया था। अब जाकर उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उसने अपने संबंधी से कोरोना के दहशत के बारे में पूरी कहानी बताई और यह भी बताया कि हमने  कैसे कोरोना को हराया। उसने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है थोड़ी सी सावधानी सब कुछ ठीक कर देगी।

घबड़ाने की जरूरत नहीं, मेरा बुखार तीन दिन में ही उतर गया,और कफ भी कम होता चला गया
गुजरात के टावर कुंडला स्टेशन पर ट्रैक मेंटेनेंस का काम करने वाला युवक को जब पता चला कि उसे कोरोना है तो वो काफी नर्वस हो गया । सिटी के चिकित्सक के द्वारा कोरोना होने की शंका जाहिर करने के बाद उसे तत्काल एनएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया। लेकिन भगवान का शुक्र है कि वह धीरे-धीरे ठीक होने गया और अंततः उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। 25 वर्षीय इस युवक ने अपने संबंधियों को बताया कि वह शुरू में कोरोना की बात सुन नर्वस हो गया था ।


वह पूरी रात सो नहीं पाया।अगले दिन हमारा भी सैंपल लिया गया और एक दिन बाद सभी मरीजों को रिपोर्ट सौंपी गयी पर उसका रिपोर्ट उसे नहीं दिया गया। उसी समय उसे लगा कि हम पॉजिटिव हो गए हैं। लेकिन मैंने हिम्मत से काम लिया डॉक्टरों के गाइडलाइन में इलाज करवाता रहा और नियमित दवा लेता रहा परिणाम सबके सामने है । दो  से 3 दिन में हमारा बुखार उतरने लगा और कफ भी कम होता चला गया। अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। उसने बताया कि शुरू में तो मुझे पता ही नहीं चला कि क्या हुआ है। 

क्योंकि जब भी मैं घर छुट्टी लेकर आता था तो कफ और खांसी से पीड़ित हो जाता था। इस बार भी कुछ वैसा ही हुआ मुझे ऐसा लगा कि वातावरण और मौसम में हुए बदलाव से ऐसा हुआ है ।इसलिए इसे गंभीरता से नहीं लिया। 19 मार्च को मेरे गले में तेज खरास होने लगी और दम भी फूलने लगा। अगले दिन बुखार भी आ गया। ठीक इसके बाद जनता कर्फ्यू वाले दिन मुझे तेज बुखार और सांस फूलने से परेशानी होने लगी तो मैं तत्काल अपने पिता के साथ भगत सिंह चौक के पास एक निजी क्लीनिक पहुंचा। वहां चिकित्सक ने कोरोना की आशंका जताते हुए मुझे कर एनएमसीएच रेफर कर दिया। लेकिन अब मैं स्वस्थ हूं।कोरोना से डरने की नहीं लड़ने की जरूरत है।

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