पटना... बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीएम नीतीश कुमार ने पटना में मेगा स्क्रीन का उद्घाटन किया था। मेघा स्क्रीन परियोजना पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड को ऐसी पहली परियोजना थी जो करोड़ों करोड़ों रुपए खर्च करने होने के बाद जमीन पर उतर नहीं पाई थी। बावजूद मेघा स्क्रीन के जरिए फिल्म, थिएटर और खेल का लुफ्त उठाने का जो सपना पटना के लोगों ने देखा था, वह अब दूर की कौड़ी नजर आ रही है। जिसमे का स्क्रीन पर फिल्मी दिखाकर पटना की अलग पहचान बनाई जा सकती थी। वह आज की तारीख में सिर्फ दिखावे की चीज बन कर रह गई है।
करोड़ों खर्च कर मेगा स्क्रीन को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में लगाया गया था। चुनाव से ठीक पहले सीएम ने उद्घाटन भी कर दिया था, लेकिन इस उद्घाटन का क्या फायदा। जब इस मेगा स्क्रीन पर शो का प्रसारण ही एक बार भी नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों की माने तो मेगा स्क्रीन लगने बाद कुछ बदलाव आने की उम्मीद थी, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होगा।
7 करोड़ की लागत से हुआ था निर्माण
दरअसल, पटना का चयन स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत हुआ तो इसी परियोजना के तहत गांधी मैदान में करीब 7 करोड़ की लागत से मेघा स्क्रीन लगाने में का फैसला हुआ। देर से ही सही है इसका उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने खुद किया। चुनाव से पहले कर तो दिया, लेकिन अब प्रसारण का मामला अटका पड़ा हुआ है।
हालाकि, गांधी मैदान में एसपी कार्यालय परिसर में डाटा सेंटर का निर्माण हो रहा है और यहां 4 मंजिला इमारत है और उसका काम तेजी से पूर्ण हो रहा है।
चुनावी रैलियों में हजारों लोग शामिल हो सकते हैं और रैलियों की इजाजत भी जिला प्रशासन से मिल जाती है तो फिर गांधी मैदान फिल्मों के प्रसारण के लिए अनुमति क्यों नहीं दी जाती है। करीब 7 करोड़ खर्च करके कोई परियोजना आम लोगों को लाभ नहीं पहुंचा सकती है तो सवाल खड़े होने लाजमी हैं।