PATNA : कोरोना के बढ़ते संकट के बीच खबर पटना से है जहां जहां फुलवारीशरीफ स्थित AIIMS की इमरजेंसी सेवा को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. एम्स के निदेशक प्रभात कुमार के अनुसार, एम्स पटना में सिर्फ दूसरे अस्पताल के रेफर किये गए कोविड मरीज को ही एडमिट किया जाएगा. यहां तक कि कोविड मरीज के अटेन्डेन्ट को भी एक नंबर गेट तक ही आने की अनुमति है और वो एक नंबर गेट की आगे नहीं जाएंगे.
22 मार्च से ही बंद है ओपीडी सेवा
मिली जानकारी के मुताबिक़ एम्स के अंदर चलाये जा रहे फ्लू जांच सेंटर को भी बंद किया गया है. अब यहां सिर्फ और सिर्फ कोरोना वायरस से संक्रमित दूसरे अस्पताल से रेफर मरीज को ही एम्स के अंदर प्रवेश और इलाज कराने की अनुमति होगी. गौरतलब है कि एम्स की ओपीडी सेवा 22 मार्च से ही बंद है जो आज तक नहीं खुली है. उस समय से अस्पताल में इमरजेंसी सेवा बहाल थी और इमरजेंसी मरीजों का इलाज किया जा रहा था, लेकिन अब यह सेवा भी बंद कर दिया गया है.
कोरोना वैक्सीन के लिए जिन 18 लोगों को वैक्सीन ट्रायल के लिए चुना गया था, उसमें से केवल आठ लोगों का ही पंजीकरण और टेस्ट किट को क्लिनिकल ट्रायल के लिए लैब भेजा गया है. यह क्लिनिकल ट्रायल एम्स में ही किया जायेगा. इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी. बता दें कि कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जाने के 14 दिनों बाद दोबारा डोज दी जायेगी. इसके 14 दिन बाद ब्लड सैंपल में इम्यूनोग्लोबिन को जांचा जायेगा.