PATNA: संभवतः 975 के बाढ़ के बाद पहली बार राजधानी पटना पानी तैरने को विवश है और जनता बेबस।पटना के कई मुहल्ले बहादुरपुर,पत्रकारनगर,कंकड़बाग,किदवईपूरी, एस के पूरी तरह डूबा हुआ है। लोगो की जिंदगी अस्त व्यस्त हो गयी है। news4nation के संवाददाताओं को कॉल कर लोग अपनी व्यथा सुना रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन ने जो हेल्प लाइन नम्बर जारी किया है वह पूरी तरह फेल है। फोन करने पर कोई रिसीव नहीं कर रहा तो कोई टरका दे रहा है। यह कह कर कि मैं यह नंबर दे रहा हूं, उस इलाके की जिम्मेदारी मेरी नहीं है। मतलब स्पष्ट है कि जिला प्रशासन पटना में पूरी तरह फेल कर चुका है।
कल मुख्यमंत्री के द्वारा आपात बैठक कर सारे जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि इस स्थिति से निपटने की सारी तैयारी करके रखें ।लेकिन बिहार की राजधानी पटना में ही जिस तरीके से लोगों के फोन कॉल आ रहे हैं और जो शहर की स्थिति बन गई है उससे तो ऐसा ही कहा जा सकता है की सुशासन पूरी तरह अपने घर में ही फेल हो चुका है ।
मंत्री से लेकर संतरी तक सब डूबे हुए हैं
आम जनता की कौन पूछे । शहर के सड़कों पर पानी है। अस्पताल भी डूबा हुआ है ,गार्डिनर अस्पताल, गर्दानीबाग, फुलवारीशरीफ ईएसआई अस्पताल ,एनएमसीएच सहित कई अस्पतालों में पानी ने अपना कब्जा जमा लिया है। मरीजों को बाहर निकाल दिया गया है । राजेंद्र नगर ,बाजार समिति, बहादुरपुर, पत्रकार नगर एसके पुरी ,किदवईपुरी आदि इलाकों में घर में पानी घुस आया है । लोक प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं ।
पानी से लेकर बिजली तक की किल्लत है । खाना नहीं मिल रहा है आखिर जाएं तो जाएं कहाँ। सड़कों पर नाव चलाई जा रही है बाजार समिति राजेंद्र नगर इलाके में तो 6 फुट तक पानी जमा हो गया है। बड़ी बात यह है कि लोगों की शिकायत की हेल्पलाइन नम्बर फेल है इस पर सरकार को तुरंत कार्रवाई करते हुए लोगों को सहायता मुहैया कराना चाहिये.