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सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करनेवाले गिरोह का पर्दाफाश, चार गिरफ्तार

सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करनेवाले गिरोह का पर्दाफाश, चार गिरफ्तार

PATNA :  पटना पुलिस ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। बता दें कि यह गिरोह सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करता था। गिरोह के गुर्गों ने बिहार स्टेट पावर कंपनी लिमिटेड में लेखापाल एवं कनीय लेखा लिपिक के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर अभ्यर्थियों को बेवकूफ बनाकर उनसे लाखों रुपये ऐंठ लिए थे। 

31 जुलाई को बिहार स्टेट पावर कंपनी लिमिटेड के विशेष कार्य पदाधिकारी राकेश रंजन ने कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया, जिसमें कहा गया कि कुछ लोग बिहार स्टेट पावर कंपनी लिमिटेड में लेखापाल एवं कनीय लेखा लिपिक के पद पर फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर अभ्यर्थियों से पैसा वसूल रहे हैं। 

इस संदर्भ में फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज कराया गया था। पटना के कोतवाली थाना में 31 जुलाई को कांड संख्या 485/18 के तहत केस दर्ज कराया गया जिसमें गिरोह के गुर्गों पर आईपीसी की धारा 417, 418, 419, 420, 468, 120 बी और भारतीय दंड विधान व आईटी एक्ट की धारा 66 बी व 66 डी लगायी गयी। 

 मामला दर्ज होते ही पुलिस हरकत में आयी और गिरोह के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कई जगहों पर छापेमारी की गयी। जल्द ही पता चला कि सभी बदमाश नालंदा जिले के रहनेवाले हैं। वैज्ञानिक अनुसंधान एवं तकनीकी साक्ष्य के आधार पर नालंदा जिला से कुल चार अपराधकर्मियों को गिरफ्तार किया गया तथा इनके पास से ठगी करने में प्रयुक्त कुल 13 मोबाइल फोन बरामद किए गये। 

साथ ही इनलोगों के पास से कई बैंकों के पासबुक भी मिले। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि गिरोह में कुल 5-6 सदस्य हैं। जल्द ही सभी को पकड़ लिया जायेगा। एसएसपी ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना सुबोध है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।  

गिरफ्तार गुर्गों का मुख्य पेशा फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, मैट्रिक-इंटर की परीक्षा में अंक बढ़वाने और पास करवाने के नाम पर रुपये ऐंठना है। इनलोगों के पास से एक डायरी मिला है जिसमें कुल 16 लाख, 49 हजार 332 रुपये ठगी करने का साक्ष्य मिला है। गिरफ्तार बदमाशों में नालंदा का परमवीर रंजन ( 21 साल ), उदय शंकर ( 31 साल ), मुन्ना कुमार ( 31 साल ) और सुजीत कुमार ( 25 साल ) शामिल है। 

सुजीत के बारे में बताया जाता है कि वह गिरोह के लोगों को सिम मुहैया कराता था। मामला गरमाने पर वह हैदराबाद भाग गया था लेकिन फिर कुछ दिन बाद पटना लौट आया। उसकी गिरफ्तारी पटना जंक्शन से हुई है। सुजीत की निशानदेही पर ही तीन अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी हुई।  




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