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पटना में रडार पर 15 हजार घर, 77 हजार लोगों के संक्रमण की आशंका

पटना में रडार पर 15 हजार घर, 77 हजार लोगों के संक्रमण की आशंका

पटना :  बिहार में कोरोना की स्थिति विस्‍फोट हो गई है. बीते कुछ दिनों से रोजाना एक हजार से अधिक मरीज मिल रहे हैं. राज्‍य में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने फिर 15 दिनों के लिए सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला  लिया है.  बात करें पटना जिले की तो, करीब 15 हजार घर कोरोना के रडार पर है. साथ ही करीब 77 हजार लोगों के संक्रमण की आशंका है. जिस पर लगातार नजर रखी जा रही है. 

बता दें कि पटना जिले में कुल कंटेनमेंट जोन- 114 है. जिसके तहत आने वाले घरों की संख्या 15938, जिसमें रहने वाले लोगों की कुल संख्या 77027 है.  जिसमें पटना सिटी में कंटेनमेंट जोन-23 है. जिसके तहत आने वाले घरों की संख्या 6739, जिसमें रहने वाले लोगों की कुल संख्या 29977 है. वहीं पटना सदर में कंटेनमेंट जोन-38 है. जिसके तहत आने वाले घरों की संख्या 4545, जिसमें रहने वाले लोगों की कुल संख्या 22061 है. तो दानापुर अनुमंडल में कंटेनमेंट जोन-38 है. जिसके तहत आने वाले घरों की संख्या 4545, जिसमें रहने वाले लोगों की कुल संख्या 22061 है. मसौढ़ी में कंटेनमेंट जोन-7 है. जिसके तहत आने वाले घरों की संख्या 1943, जिसमें रहने वाले लोगों की कुल संख्या 9249 है. मसौढ़ी में कंटेनमेंट जोन-8 है. जिसके तहत आने वाले घरों की संख्या 2379, जिसमें रहने वाले लोगों की कुल संख्या 14241 है.

कुल मिलाकर कहें तो कोरोना की स्थिति बिहार के पटना जिले में सबसे ज्यादा भयावह है.  कोरोना जांच रिपोर्ट के आंकड़ों में हर दिन सबसे ज्यादा पाये जाने वाले मरीज पटना जिले से ही मिलते हैं. यही वजह है कि पटना जिले के करीब 15 हजार घरों को कंटेनमेंट जोन में शामिल किया गया. जिसमें करीब 77 हजार रहने वाले लोगों पर भी नजर रखी जा रही है. 

बिहार में कोरोना की स्थिति विस्‍फोट हो गई है, राज्‍य में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने फिर 15 दिनों के लिए सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। मंगलवार को सरकार की हाई लेवल बैठक में यह निर्णय़ लिया गया। गृह विभाग की अधिसूचना के मुताबिक 16 जुलाई से 31 जुलाई तक राज्य में लॉकडाउन की पाबंदियां लागू रहेंगी. राज्‍य में पहली बार 23 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था, जिसकी मियाद दो बार बढ़ाई गई। इसके बाद एक जून से अनलॉक 1.0 और जुलाई में अनलॉक 2.0 प्रभावी रहा. फिर कुछ जिलों में आंशिक लॉकडाउन लागू किया गया। लेकिन लॉकडाउन की बंदिशों में ढ़ील के बाद लोग लापरवाह हो गए और परिणाम समाने है।





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