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पटना नगरनिगम के मेयर का मास्टर स्ट्रोक, सकते में आ गए विरोधी गुट....

पटना नगरनिगम के मेयर का मास्टर स्ट्रोक, सकते में आ गए विरोधी गुट....

पटनाः पटना नगरनिगम के मेयर सीता साहू गुट के मास्टर स्ट्रोक ने विरोधी गुट को चारो खाने चित्त कर दिया है।दरअसल जो जानकारी मिली है उसके अनुसार मेयर ने खुद हीं अपने खिलाफ अविश्वास लाकर विरोधी पार्षदों को सकते में ला दिया है। बेहद चालाकी और कुशल राजनीतिज्ञ की तरह मेयर सीता साहू यानि मेयर पुत्र ने अपने ही खिलाफ अविश्वास लाकर विरोधी गुटों में हलचल मचा दिया है। 

बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव का पत्र प्राप्त होते हीं मेयर सीता साहू ने बिना देर किए तीन जुलाई को बैठक बुलाने को लेकर नगर सचिव को आदेशित किया है। खुद को जीत दिलाने के लिए लाए गए इस अविश्वास में कई राज छुपे हैं। दिनभर निगम के सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों और पार्षदों के साथ बैठकर योजनाओं पर चर्चा करने वाले आखिर कैसे विरोधी हो गए यह बड़ा सवाल है?

अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले अधिकांश मेयर समर्थक

 विरोधी जब तक दूसरे किसी उम्मीदवारों को साध पाते तबतक मेयर की ओर से बैठक भी बुला ली गई। अबतक हर तरीके से मेयर के साथ रहने वाले वार्ड 69 के पार्षद और भाजपा के घोर समर्थक विकास कुमार मौर्या, निगम चैंबर में हर दिन अपनी हाजिरी लगाने वाले 11 के पार्षद रवि प्रकाश सहित सभी समर्थित 26 पार्षदों को साइन कराकर अविश्वास लाया गया है। इसमें से 22 से अधिक मेयर गुट के ही हैं।

जानिए गणित का खेल और राजनीति

तीन जुलाई को जैसे ही बैठक शुरू होगी विरोधी गुट के 15 से 20 पार्षद से अधिक यहां उपस्थित नहीं होंगे। मौके का फायदा उठाकर हर हाल में जिन 40 पार्षदों ने विनय कुमार को कुर्सी से हटाया है। वे मेयर के समर्थन में वोट कर देंगे। यदि अविश्वास लाने वाले समर्थित पार्षदों ने भी इसी तरह वोट कर दिया तो मेयर को इस बार 50 से अधिक वोट भी मिल सकते हैं। यानि हर हाल में मेयर सीता साहू की कुर्सी सुरक्षित हो जाएगी। कहा जा रहा है कि विकास मौर्य ने डिप्टी मेयर की दावेदारी पर मुहर नहीं लगने के बाद विरोध में साइन किया है।

निगम के एक अफसर को हटाने की तैयारी

बताया जाता है कि कंकड़बाग अंचल के पार्षदों द्वारा विकास को लेकर मेयर से नाराजगी जताने के बाद मेयर पुत्र इस पर आग बबूला हो गए थे। खबर है कि उन्होंने कंकड़बाग के कार्यपालक पदाधिकारी को जमकर खरीखोटी सुनाई है। पार्षदों ने कहा कि मेयर से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी यहां भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्हें किस नैतिकता के साथ अपने पद पर बने रहना चाहिए। इधर बड़े मंत्रियों से उनके तबादले की पेशकश भी की जा चुकी है। तीन जुलाई के बाद कभी भी अफसर को तबादले का पत्र सौंपा जा सकता है।

 होटल गली पर भी है नजर

उप मेयर की कुर्सी से हटे विनय कुमार के दफ्तर होटल गली में है। रविवार को विरोधी गुट के करीब 20 पार्षद उनके दफ्तर में बैठे रहे। हालांकि, मेयर को पद से हटाने की हर जरूरी प्रयास किया गया है। मेयर की पुराने दावेदार भी अपनी कोशिश करने में लगे हैं।

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