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पटना का 'फ्रॉड' बिल्डर! 'हीरा-पन्ना इंफ्रा' निकला सबसे आगे....ग्राहकों की बात छोड़िए RERA को ही 'गच्चा' दे दिया, फुल बेंच ने तीस दिनों में मांगा है जवाब

पटना का 'फ्रॉड' बिल्डर! 'हीरा-पन्ना इंफ्रा' निकला सबसे आगे....ग्राहकों की बात छोड़िए RERA को ही 'गच्चा' दे दिया, फुल बेंच ने तीस दिनों में मांगा है जवाब

पटनाः बिहार के कई बिल्डर अब तक ग्राहकों को ही धोखा दे रहे थे। अब तो अपार्मेंट निर्माण में लगे बिल्डर रेरा को ही गच्चा दे रहे। हीरा पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी ने तो रेरा को ही धोखा दे दिया। इस कंपनी ने जिस जमीन पर अपार्टमेंट निर्माण का निबंधन लिया उस पर पहले से ही दूसरी कंपनी का अनुबंध था। वो कंपनी उस जमीन पर फ्लैट देने के नाम पर कई ग्राहकों से करोड़ों रू भी ले लिये थे। रेरा ने हीरा-पन्ना पर तथ्य छुपाने के आरोप में 'द क्राउन' के फ्लैट या अपार्टमेंट की बिक्री और अनुबंध पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। रेरा ने 29 सितंबर के आदेश में कहा कि तीस वर्किंग डे में जवाब दें.  

हीरा पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट की खुल गई पोल

रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) ने तथ्य छिपाकर विवादित भूमि पर परियोजना का निबंधन कराने के मामले को लेकर सख्त आपत्ति जताई है।इसके बाद निबंधन आइजी को पत्र लिखकर कहा है कि वे इस परियोजना से जुड़े किसी भी फ्लैट व अपार्टमेंट का निबंधन न करने का निर्देश दें। रेरा ने कंपनी के निदेशक शरद केसरी को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न आपकी परियोजना का निबंधन रद कर दिया जाए और आर्थिक दंड लगाया जाए? इसको लेकर कंपनी से 30 दिनों में जवाब मांगा गया है।

जिस भूमि पर निबंधन, उसपर किसी और कंपनी का अनुबंध

रेरा ने हीरा पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी को नोटिस दिया है और 30 दिनों में जवाब दाखिल करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर रेरा एकतरफा निबंधन रद्द कर देगा। नोटिस के अनुसार, कंपनी ने सिकंदरपुर मौजा की जिस भूमि पर अपने परियोजना का निबंधन कराया है, उस पर मालिक ने 2013-14 में ही दूसरी कंपनी अग्रणी होम्स प्राइवेट लिमिटेड से अनुबंध किया था। ऐसे में रेरा ने यह तथ्य छिपाने पर हीरा-पन्ना कंपनी से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। ऐसे में खरीदारी की प्रक्रिया में जुटे लोगों की चिंता बढ़ गई है। अब देखना है कि कंपनी के जवाब के बाद रेरा क्‍या कदम उठाता है। 

दो बिंदूओं पर शो-क़ॉज

अब रेरा ने इस जुर्म में हीरा-पन्ना इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी के निदेशक से जवाब मांगा है। तीस दिनों में निदेशक शरद केसरी को जवाब देना होगा। रेरा ने दो बिंदूओं पर जवाब मांगा है। पहला यह कि क्यों न रेरा की धारा -7 के तहत तुरंत प्रभाव से प्रोजेक्ट के निबंधन को रद्द कर दिया जाए। दूसरा यह कि क्यों न इस आरोप में जुर्माना लगाया जाए? अगर कंपनी तय समय में जवाब दाखिल नहीं करती है तो निबंधन रद्द कर दिया जाएगा।

फ्लैट की बुकिंग पर रोक

इसके साथ ही रेरा ने कंपनी के प्रोजेक्ट में फ्लैट बिक्री-एग्रीमेंट पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। इस संबंध में निबंधन आईजी को पत्र भेजा गया है और इस कंपनी के द क्राउन अपार्टमेंट की फ्लैट निबंधन करने से मना करने का निर्देश दिया है। 

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