PATNA : हाउ टू ब्रोक एन एटीएम...जी हां यही लिखा था बदमाशों ने यूट्यूब पर और फिर वहां से सारे आइडियाज लेने के बाद वारदात को अंजाम देने निकलते थे। राजधानी पटना के अलावा एटीएम लुटेरों ने बक्सर, भोजपुर, नालंदा, वैशाली और बेतिया में आतंक मचा रखा था। पुलिस लगातार इनके पीछे लगी हुई थी लेकिन हर बार गिरोह के गुर्गे पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाने में कामयाब हो जाते।
12 शातिर एटीएम लुटेरे पुलिस की गिरफ्त में
गुरुवार, 17 अगस्त को पटना पुलिस को अहम कामयाबी मिलती है। एसपी के नेतृत्व में बनी टीम फुलवारीशरीफ इलाके से 12 शातिर लुटेरों को धर-दबोचती है। एसएसपी मनु महाराज ने इन्हें पकड़ने के लिए सिटी एसपी वेस्ट रवीन्द्र कुमार की अगुआई में टीम बनाई थी। टीम में एसडीपीओ रमाकांत प्रसाद, इंस्पेक्टर मो. कैसर आलम के साथ इंस्पेक्टर रंजन कुमार भी शामिल थे।
जिन 12 अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किेया है, उनमें गैंग का सरगना मो. नेहाल, मो. आसिफ, राहुल कुमार, पवन कुमार, विम्मो कुमार, मो. दानिश, मो. सरफराज, मो. असलम, मो. नजामुद्दीन उर्फ सन्नी, मुन्ना सिंह, मो. मुस्तकीम उर्फ कल्लू और मो. फिरोज शामिल हैं। इनके पास से एटीएम तोड़ने के कई सारे उपकरण भी मिले हैं।
यूट्यूब से सीखा एटीएम तोड़ना
पूछताछ में लुटेरों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। गिरफ्त में आये लुटेरों ने पुलिस को बताया कि यूट्यूब पर उनलोगों ने ‘हाउ टू ब्रोक एन एटीएम’ का वीडियो देखा था। जिसमें यह बताया गया था कि एक मिनट में एटीएम को कैसे तोड़ा जाता है। इसके बाद ही अपराधियों ने एक के बाद एक एटीएम लूट की कई वारदातों को डेढ़ महीने के अंदर अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि 60 लाख से अधिक कैश इन अपराधियों ने अब तक लूटा।
लूट के पैसों से खरीदी जमीन
लुटेरों ने लूट की रकम से 5 लग्जरी गाड़ियां, 2 ऑटो और 4 बाइक खरीदी थी। पुलिस ने लग्जरी गाड़ियों के अलावा कई अन्य सामान भी बरामद किया है। इनके पास से 10 लाख रुपये कैश भी मिले हैं। लूट की रकम से ही इन्होंने काफी सारी जमीन भी खरीदी है। जमीन के कागजात पुलिस के हाथ लगे हैं।
स्कॉर्पियो पर राजद महासचिव का नेमप्लेट
पुलिस द्वारा जब्त स्कॉर्पियो पर युवा राजद के पटना महानगर के महासचिव का बोर्ड लगा था। इस गाड़ी का फुलवारीशरीफ के ईसापुर का रहने वाला मो. सरफराज और उसके साथी लुटेरे इस्तेमाल करते थे। हालांकि पूछताछ में पुलिस को इनलोगों ने बताया कि इसका राजद से कोई संबंध नहीं है। दबदबा कायम करने के लिए राजद का इस्तेमाल करते थे।