PATNA : लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता राजेश भट्ट ने एक बयान जारी कर कहा कि एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार प्रदेश में कोरोना के ईलाज के लिये समुचित संसाधनों की व्यवस्था का ढोल पीट रहे है. वहीं इंडियन मेडिकल एशोसिएशन (IMA) ने एक सूची जारी की है. जिसमें राज्यभर में कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आने से पर्याप्त संसाधनों के अभाव में अब तक कुल 98 डाक्टरों को अपनी जान गँवानी पडी है, जो बेहद गंभीर चिंता का बिषय है.
भट्ट ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बडे विनम्रता पूर्वक जानना चाहा है कि आखिरकार उन दावों का क्या हुआ. जिसमें आपने बडे साफगोई से कहा है कि सरकार ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में कोरोना के ईलाज में लगे डाक्टरों के लिये सभी अनिवार्य इंतजामात पूरी तरह मुकम्मल की हुई है. इसके बावजूद इतनी मौतें क्यूँ हुई. यह गंभीर सवाल है. वो भी ऐसे समय में जब आपदा में मरीजों के लिये खासकर डाक्टर मसीहा के रुप में विराजमान हैं.
भट्ट ने राज्य सरकार के वैसे संविदाकर्मी जो कोरोना की लडाई में राज्य सरकार के द्वारा फ्रंट पर अपनी सेवाएँ दे रहें है. उनके और खासकर प्रदेश में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की सेवा में प्रहरी की भूमिका निभा रहे पत्रकारों की कोरोना से हो रही मौत पर गहरी चिंता जताई है. भट्ट ने ऐसे सभी दिवंगत पत्रकारों की असामयिक मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है और सभी पत्रकारों के लिये राज्य सरकार से बिशेष सुरक्षा पैकेज की माँग की है.
पटना से रंजन की रिपोर्ट