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अल्पसंख्यकों के गढ़ में पवन जायसवाल ने BJP का लहरा दिया परचम, वैश्य समाज के साथ-साथ चंपारण-सीतामढ़ी इलाके में है मजबूत पकड़

अल्पसंख्यकों के गढ़ में पवन जायसवाल ने BJP का लहरा दिया परचम, वैश्य समाज के साथ-साथ चंपारण-सीतामढ़ी इलाके में है मजबूत पकड़

PATNA: बिहार में नई सरकार को लेकर हलचल तेज है। 15 नवंबर को एनडीए की बैठक होगी जिसमें नेता का चयन होगा।  16 नवंबर को नई सरकार के मुखिया के तौर पर नीतीश कुमार सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इन सब के बीच मंत्री पद को लेकर लगातार मंथन जारी है। इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए के भीतर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। अब तक जेडीयू बड़ी पार्टी हुआ करती थी लेकिन इस बार जेडीयू सिर्फ 43 सीटों पर सिमट गई है,जबकि बीजेपी के खाते में 74 सीटें आई हैं।ऐसे में पूरी गुंजाइश है कि बीजेपी की भागीदारी बढ़े। इस बार के चुनाव में चंपारण,मिथिलांचल ने बीजेपी की प्रतिष्ठा बचा ली। साथ ही एनडीए के भीतर बीजेपी को सबसे बड़े दल के रूप में खड़ा कर दिया।

अल्पसंख्यकों के गढ़ में बीजेपी ने लहराया परचम

एक तरफ जहां नीतीश सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी थी।तेजस्वी यादव को लेकर लोगों में खासकर नौजवानों में भारी उत्साह था। इन सब के बीच चंपारण ने राजद के विजय रथ को रोक दिया। सिर्फ पूर्वी चंपारण जिले की 12 सीटों में से 9 सीटों पर भाजपा-जेडीयू ने कब्जा जमा लिया। वैसी सीट जो अल्पसंख्यक बहुल मानी जाती है वहां भी भाजपा ने परचम लहरा दिया। ढाका विस सीट में अल्पसंख्यकों की काफी आबादी है। इस बार बीजेपी प्रत्याशी पवन जायसवाल ने इस सीट को राजद से छीन विजय पताका लहरा दिया। पवन जायसवाल 2010 में भी इस सीट से बतौर निर्दलीय भी चुनाव जीत चुके हैं।हालांकि 2015 में एनडीए विरोधी लहर में वे हार गए थे लेकिन इस बार तेजस्वी यादव की लहर के बीच इन्होंने ढाका सीट से राजद के कैंडिडेट को 10 हजार से अधिक मतों से हरा दिया।


वैश्यों के साथ चंपारण-सीतामढ़ी इलाके में पवन जायसवाल की मजबूत पकड़

ढाका के बीजेपी कैंडिडेट पवन जायसवाल को जहां 99533 मत मिले वहीं राजद कैंडिडेट और सीटिंग विधायक फैसल रहमान को 89137 मत मिले। इस तरह से भाजपा कैंडिडेट 10416 मतों से जीत गए। बता दें कि पवन जायसवाल वैश्य समाज से आते हैं और इनका इस बिरादरी में पूरे बिहार में अच्छी पकड़ है। अपने जिले पूर्वीचंपारण की राजनीति में इनकी अच्छी पकड़ है। अपनी बदौलत इन्होंने अपनी पत्नी को पूर्वीचंपारण जिला परिषद का अध्यक्ष बनवाया। आज भी इनकी पत्नी प्रियंका जायसवाल जिला परिषद की अध्यक्ष हैं। इतना ही नहीं इनकी पत्नी प्रियंका जायसवाल पूरे बिहार के जिला परिषद अध्यक्ष संघ की संयोजक भी हैं।  

नई कैबिनेट में चंपारण की उपेक्षा संभव नहीं

बीजेपी को मंत्रिमंडल में पहले की अपेक्षा अधिक भागीदारी होगी,इसकी पूरी गुंजाइश है। बीजेपी के अंदर कई वरिष्ठ नेता हैं जो मंत्री पद की दौड़ में हैं।लेकिन इस बार बीजेपी को फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा,अगर मंत्रिमंडल में खास इलाका-वर्ग की उपेक्षा और खास गुट के नेताओं की लॉटरी लगी तो  इसकी नाराजगी बीजेपी को उठानी पड़ सकती है।हालांकि बीजेपी की तरफ से सरकार बनाने  और मंत्रिमंडल के चेहरों पर मंथन जारी है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लगतार दिल्ली से लेकर पटना तक सरकार के फार्मूले पर मंथन में जुटे हैं.

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