PATNA : अब रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के लिए हर बार बैंक में जाकर जीवित होने का प्रमाण नहीं देना पड़ेगा। केंद्र के बाद अब प्रदेश में भी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की व्यवस्था बहाल कर दी गई है।
वित्त विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। प्रदेश में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र योजना प्रभावी होने से राज्य सेवा से सेवानिवृत्त तकरीबन साढ़े तीन लाख पूर्व कर्मियों को फायदा होगा। वित्त विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि ई-जीवन प्रमाण प्रणाली लागू होने के साथ ही राज्य सरकार के पेंशनर्स, परिवार पेंशनर्स के लाभुक अपना जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। इसके लिए पेंशनर या परिवार के पास सिर्फ आधार का होना जरूरी है।
जीवन प्रमाण पत्र (डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट) को लाभुक के आधार कार्ड से लिंक कर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के प्रभावी होने के बाद से संबंधित पेंशनर घर बैठे-बैठे यह प्रमाणित कर सकेंगे कि वह जीवित हैं और उनकी मासिक पेंशन बैंक खाते में आती रहेगी। जिनके पास डिजिटल प्रमाणपत्र होंगे वैसे पेंशनरों को प्रत्येक वर्ष नवंबर महीने में यह प्रमाणित करने के लिए बैंक नहीं जाना होगा कि वह जीवित हैं।
बता दें कि वैसे पेंशनर जिनके पेंशन का भुगतान बैंक के माध्यम से होता है, उन्हें हर साल नवंबर माह में अपने बैंक के शाखा में जाकर अपने जीवित होने का प्रमाण देना पड़ता था।