शिमला- हिमाचल में भारी बारिश ने एक बार फिर जबरदस्त तबाही मचाई है.हिमाचल प्रदेस के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। बुधवार की रात से हो रही भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बाद से 37 लोगों का पता नहीं चल सका है।
हिमाचल के सोलन जिले में भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से हालात बिगड़ गए हैं। यहां के जदों गांव में देर रात बादल फटने से दो घर बह गए साथ में एक गौशाला भी बह गई. इस हादसे में सात लोगों की मौत हुई है।
शिमला और कुल्लू जिला के 15 /20 इलाके में श्रीखण्ड की पहाड़ियों में हुई बादल फटने की घटना से कुर्पण, समेज़ और गानवी खड्डों में भयंकर बाढ़ आई है। समेज़ में 20 मकान एवं कई गाड़ियां बाढ़ की चपेट में आ गई।
हिमाचल में लगातार बारिश की वजह से राज्य में एहतियातन सभी स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। शिमला-धर्मशाला समेत करीब 500 सड़कों पर आवाजाही भूस्खलन की वजह से बंद है. प्रशासन की ओर से लोगों से नदी-नालों और भूस्खलन वाले इलाकों में नहीं जाने की अपील की गई है।
शिमला जिला के ऊपरी हिस्सों में भी भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से दर्जनों सड़कें बंद हो गई है। राज्य के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश का दौर जारी है जिस कारण जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हुआ है।
मंडी जिला की चौहार घाटी के टिक्कन थलटू खोड़ गांव में बादल फटने के बाद 5 लोग लापता हैं। बादल फटने की घटना के बाद यह लोग जान बचाने के लिए गांव से जंगल की ओर भागे थे। इसके बाद इन लोगों का कोई अता-पता नहीं है। आशंका है कि यह लोग बादल फटने से आई बाढ़ में बह गए हैं। जिला प्रशासन प्रभावित गांव तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है।समेज में एक जल विद्युत परियोजना में कार्यरत एक भवन में सो रहे लोग भवन समेत बह गए हैं जिनकी खोज जारी। इस घटना में 32 लोग लापता हैं। शिमला जिला प्रशासन ने सभी लापता लोगों की सूची जारी कर दी है।
कुल्लू जिला में आधी रात से हो रही भारी बारिश से अधिकांश नदी नालों में बाढ़ आ गई है। डैम फटने से इलाके में सड़कें और पुल जमीनों को भारी नुकसान हुआ है। कुल्लू जिला के बागीपुल में बाढ़ से भारी तबाही हुई है जिसमें कई घर बह गए हैं।