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जान जोखिम में डालकर नदी पर बने चचरी पुल को पार करते हैं लोग, प्रशासन को कोई चिंता नहीं, एक दिन पहले बच्ची संग हुआ था हादसा

जान जोखिम में डालकर नदी पर बने चचरी पुल को पार करते हैं लोग, प्रशासन को कोई चिंता नहीं, एक दिन पहले बच्ची संग हुआ था हादसा

MOTIHARI : विकास की ठिठोरा पिटने वालेों के लिए आईना है पूर्वी चम्पारण का चचरी पुल। हादसों को आमंत्रित करने वाले इस पुल में फंसकर एक बच्ची गिर पडी। संयोग अच्छा रहा कि बच्चे के पैर ही टुट कर रह गये अन्यथा गहरे पानी में गिरने से जान भी जा सकती थी। 

मामला पताही प्रखंड के बंलाही राम गांव की है। गांव से निकलने के लिए एक मात्र साधन बांस से बने चचरी पुल ही है। यहां शेरा नदी पर पांच साल पहले ही पुल बनी थी लेकिन दो साल पहले आयी बाढ के थपेडों को सह नही पायी और पुल पूरी तरह से बाढ के पानी में बह गयी। परेशान ग्रामीणों ने सरकार के प्रतिनिधियों से गुहार लगाया,लेकिन कोई परिणाम नहीं आ सका। तब ग्रामीणों ने शेरा नदी पर खुद ही बना दिया बांस के चचरी पुल। इस पुल से रोजाना करीब सात सौ बच्चे पार कर स्कूल पढने जाते है तो सैकडों लोग रोजमर्रा के काम को। कई बार लोग पुल से गिरते भी है,लेकिन ग्रामीणों की तत्परता के कारण बचा लिया जाता है। 

पुल से गिरी बच्ची, पैर टूटा

स्कूल से लौट रही बच्ची का पैर टूटे बांस में फंस गया। संयोग अच्छा था बच्ची नदी में गिरते गिरते बच्ची लेकिन उसका पैर टूट गया है। यह पुल करीब 20 हजार की जनसंख्या वाले बेलही राम गांव को प्रखंड और जिला मुख्यालय से जोड़ता है। इतनी ही नहीं इस पुल को पार कर लोग पडोसी जिला शिवहर भी आते जाते है। रोजमर्रा के समान लेकर जा रहे ग्रामीण भोला साह का कहना है कि दो साल पहले बाढ में पुल बह गयी। क्योकि पुल का निर्माण में काफी अनियमितता बरती गयी थी। 

सात सौ बच्चे इस पुल को पार कर जाते हैं स्कूल

स्कूली छात्र ब्रजकिशोर कुमार ने बताया कि रोज करीब सात सौ बच्चे पुल पार कर स्कूल में पढने आते है। पुल के टूटे बांस में फंसकर सहपाठी रीता कुमारी गिर पडी,जिससे उसका पैर टूट गया है। वहीं स्कूल के प्रधान शिक्षक विनोद कुमार पाण्डेय ने कहा कि स्कूल का पोषक क्षेत्र नदी के पार है,जहां से करीब सात सौ बच्चे स्कूल आते जाते है।

 पुल बच्चों के लिए खतरा बना है। जिसके लिए कई बार अधिकारियों से बोला गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। प्रधान शिक्षक कहते है कि कोई बडी घटना होती है तो उसके जिम्मेवार अधिकारी ही होगें।


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