News4Nation Desk- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार की शाम 5:05 बजे दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में निधन हो गया और शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया. विभिन्न देशों के नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भारत आए. आज भले ही अटल जी इस दुनिया से जा चुके हैं, लेकिन लोगों के दिलों में वो हमेशा जिंदा रहेंगे। सिर्फ राजनीति ही नहीं बल्कि उनकी दुर्गम सोच, साहित्य और कविताओं को भी लोग हमेशा याद रखेंगे। उनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था. लोग उनसे इतना प्यार करते थे कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में उनका एक मंदिर ही बना दिया गया। इस मंदिर में लोग रोजाना उनकी तस्वीर की पूजा करने आते हैं.
2005 में वाजपेयी के नाम से एक छोटे से मंदिर का निर्माण किया गया था। बता दें कि यह मंदिर उसी जगह पर बनाई गयी है जहां वाजपेयी जी स्कूल के बाद अपना खाली समय बिताने आया करते थे। इस मंदिर का निर्माण अधिवक्ता विजय सिंह चौहान और वाजपेयी के समर्थकों द्वारा कराया गया था। विजय सिंह चौहान ने बताया कि पहले तो वाजपेयी जी इस मंदिर के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन बाद में जब उन्हें बताया गया कि यह सब हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, तब वो तैयार हो गए। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां मंत्र के जगह अटल जी की कविताओं की जाप होती है. सिर्फ यही नहीं बल्कि उनके नाम से यहां पुरस्कार भी सम्मानित किया जाता है और अब तक करीब 700 लोगों को अटल सम्मान दिया जा चुका है।
ग्वालियर के एक प्रख्यात कवि नसीम राफत ने बताया 'मंदिर में हम रोजाना उनकी पूजा करते हैं और उनकी कविताओं का जाप करते हैं। हिंदी प्रेमी और कवियों के लिए यह मंदिर एक बेहतरीन जगह है। वो यहां आकर अपनी रचनाएं और कविताएं सुनाते हैं। साथ ही नौजवान कवि भी वाजपेयी जी की इस मंदिर से प्रेरणा लेते हैं। हम चाहते हैं कि वाजपेयी जी के सम्मान में सरकार एक स्मारक बनवाए।' अब खबर आ रही है कि यहां अटल जी की एक लाल प्रतिमा बनाई जा रही है जिसे कुछ महीनों में मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा।