Desk: आपको यकीन न हो पर टॉयलेट न जा पाने की स्थिति में, एक वयस्क व्यक्ति के ब्लैडर में करीब आधा लीटर तक की यूरीन रोकने की क्षमता होती है. हमारा ब्लैडर वॉल छोटे-छोटे रिसेप्टर्स से बना होता है जो ब्लैडर भर जाने का संदेश दिमाग तक पहुंचाने का काम करता है.
अच्छी बात यह है कि ज्यादातर इंसानों का ब्लैडर फंक्शन पर अच्छा कंट्रोल होता है. ब्लैडर भर जाने का संदेश दिमाग तक पहुंचते ही कुछ लोग तुरंत टॉयलेट चले जाते हैं, जबकि कुछ लोग बाथरूम न जाने की स्थिति में यूरीन को रोक लेते हैं.
ब्लैडर की ये छोटी-छोटी मांसपेशिया बहुत काम की हैं, लेकिन आपको लंबे समय तक इन पर दबाव नहीं डालना चाहिए. जो लोग अक्सर काम के सिलसिले में बाहर जाते हैं उन्हें लॉग ट्रिप के दौरान पेशाब को रोकने की आदत होती है. अगर आप लंबे समय तक यूरीन को रोककर रखने की आदत बना रहे हैं तो ये आपके शरीर पर बुरा असर डाल सकता है. खासतौर से यूरीन रोकने की वजह से बॉडी में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.
बहुत देर तक यूरीन रोकने से आपके शरीर में कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया भी पैदा हो सकते हैं, जिससे UTI (यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) या ब्लैडर इंफेक्शन होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. टाइको ब्राहे एक डेनिश खगोलशास्त्री थे. ब्राहे ने कई तरह की खोज की थी. उनके बारे में कहा जाता है कि एक लैक्चर के दौरान वह लोगों से भरे बैंकेट हॉल से सिर्फ इसलिए नहीं निकले थे क्योंकि वह इसे शिष्टाचार के खिलाफ मानते थे. इस दौरान उन्होंने यूरीन को रोके रखा था. घर आने के बाद जब वो टॉयलेट करने गए तो वह पेशाब नहीं कर पा रहे थे और यूरीन ब्लैडर फट जाने से उनकी मौत हो गई.