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पेट्रोल और डीज़ल के दाम: नए साल में आम आदमी को मिलेगी मोदी सरकार से सौगात ! 10 रुपये तक कम हो सकती है पेट्रोल-डीजल की कीमतें

पेट्रोल और डीज़ल के दाम: नए साल में आम आदमी को मिलेगी मोदी सरकार से सौगात ! 10 रुपये तक कम हो सकती है पेट्रोल-डीजल की कीमतें

DELHI- लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बजने में कुछ ही महीने शेष हैं. केंद्र सरकार तेल के दाम को नियंत्रण में करने की कोशिश कर रही है. इसको लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय और पेटोलियम मंत्रालय के उच्च अधिकारियो के बीच इस मुद्दे को लेकर बड़ी बैठक आयोजित की गई.माना जा रहा है कि सरकार की ओर से जल्द ही इसे लेकर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है. जानकारी के मुताबिक, सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल के रेट में करीब 10 रुपये की कटौती कर के जनता को बड़ी राहत दी जा सकती है. अधिकारियों के बीच हुई इस बैठक में पेट्रोल-डीजल के रेट कम करने के लिए अलग-अलग विकल्पों पर विस्तार से बातचीत की गई है. खबर है कि सरकार और तेल कंपनिया दोनों मिलकर इस खर्च का वहन करने की योजना बना रही है.

कच्चा तेल महंगा होने के बाद 2022 में तेल कंपनियों को पेट्रोल पर प्रति लीटर 17 रुपये और डीजल पर 35 रुपये प्रति लीटर तक का घाटा हो रहा था, लेकिन कच्चे तेल का दाम गिरने के बाद स्थिति बदल गई है और तेल कंपनियों को पेट्रोल पर 8 से 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3 से 4 रुपये प्रति लीटर तक का मुनाफा हो रहा है. कच्चे तेल का दाम अपने 52 हफ्ते के निचले स्तर के आसपास चल रहा है. बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 76 डॉलर प्रति बैरल और डब्लूटीआई क्रूड 71 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है. इस हफ्ते कच्चे तेल में हुई गिरावट का प्रमुख कारण वैश्विक स्तर पर कम मांग के कारण हो रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि कच्चा तेल का दाम आने वाले समय में भी कम रह सकता है.

सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत 6 से 10 रुपये प्रति लीटर कम कर सकती है. इसको लेकर तेल कंपनियों के साथ सरकार की बातचीत चल रही है.  संभावना जताई जा रही है कि सरकार नये साल में आम लोगों को महंगाई से राहत दे सकती है. बता दें कि 22 मई 2023 के बाद से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है. आखिरी बार सरकार ने उत्पाद शुल्क में भारी कटौती की थी, जिसके बाद पेट्रोल में 13 और डीजल में 16 रुपये की कटौती हुई थी.

भारत की विशाल अर्थव्यवस्था के विकास में तेल ईंधन का काम करता है. अगर तेल की क़ीमतें सस्ती होती है तो  मुद्रा स्फ़ीति पर भी इसका असर पड़ेगा, महंगाई कम होगी, जिससे अर्थव्यवस्था की सेहत अच्छी होगी और आर्थिक विकास की गति तेज हो सकेगी. सूत्रों के अनुसार तेल के उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है और राहत भी एक दो रुपए का नहीं, 10 रुपये की कटौती कर के जनता को बड़ी राहत दी जा सकती है.

 

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