NEW DELHI : पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान सरकार अब आम लोगों को राहत देने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है। दरअसल, पेट्रोल-डीजल की घटती-बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार अब इसका वायदा कारोबार की इजाजत दे चुकी है। पिछले तीन सप्ताह से पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा था। मंगलवार को लगातार 16वें दिन ईंधन की कीमतों में तेजी रही। दिल्ली में पेट्रोल 78.43 रुपये प्रति लीटर जा पहुंची है वहीं, डीजल की कीमत 69.31 रुपये प्रति लीटर है। केंद्र सरकार तेल कीमतों के 'लॉन्ग टर्म' समाधान के लिए कई मौकों पर चर्चा कर चुकी है ताकि वैश्विक कीमतों का ज्यादा असर घरेलू बाजार पर नहीं पड़े। सोमवार को इस मसले पर कुछ बात आगे बढ़ी है और इसे कीमतों पर लगाम लगाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भारतीय कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX)को पेट्रोल और डीजल का वायदा कारोबार (फ्यूचर) लॉन्च करने की अनुमति दे दी है। ICEX के MD संजीत प्रसाद ने कहा, 'हमें मंत्रालय से इस बारे में नो ऑब्जेक्शन मिल चुका है।' हालांकि ICEX को फ्यूचर कारोबार लॉन्च करने के लिए सेबी से हरी झंडी लेनी होगी। प्रसाद ने कहा, 'अगर सेबी फ्यूचर कारोबार के लिए हरी झंडी देती है तो एक्सचेंज एक दिन के अंदर इसे लॉन्च कर देगा।'
क्या है वायदा?
फ्यूचर या वायदा एक
फ़ाइनैंशल कॉन्ट्रैक्ट होता है। इसमें खरीदार असेट खरीद सकता है या सेलर
पूर्वनिर्धारित फ्यूचर डेट और दाम पर इसे बेच सकता है।
उपभोक्ता को कैसे होगा फायदा?
पेट्रोल और डीजल का
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट लॉन्च होने पर उपभोक्ता इसे फिक्सड प्राइस पर खरीद सकता है और
फ्यूचर डेट में इसकी डिलीवरी ले सकता है। मतलब यह कि अगर उपभोक्ता एक तय कीमत पर
पेट्रोल और डीजल खरीदता है और उसकी डिलीवरी एक महीने बाद चाहता है तो उसे उसी कीमत
पर डिलीवरी मिलेगी भले डिलीवरी वाले दिन पेट्रोल या डीजल की किमतें उसकी खरीद रेट से ज्यादा क्यों न हो। इस तरह पेट्रोल-डीजल की फ्यूचर ट्रेडिंग के
कारण वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर यहां नहीं पड़ेगा। बता दें कि जून 2017 से भारत की ऑयल कंपनियां तेल का दाम रोज बदलती रहती
हैं।