एन4एन डेस्क। बिहार में दशरथ मांझी ने 22 साल तक मेहनत कर पहाड़ काट कर रास्ता बनाया था, ताकि हजारों लोगों को लाभ मिल सके। राजस्थान में भी एक पहाड़ी को तोड़ने की खबर सामने आई है। अंतर बस इतना है कि बिहार में जनहित के लिए वह काम हुआ और राजस्थान में व्यक्तिगत फायदे के लिए पहाड़ी के एक हिस्से को तोड़ दिया गया। चौंकानेवाली बात यह थी कि पहाड़ी को तोड़ने के लिए किसी प्रकार की सहमति भी नहीं ली गई थी।
बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 162 पर झाड़ली मानपुरा सरहद में श्रममंत्री टीकाराम जूली के भाई मुकेश कुमार जूली पेट्राेल पंप का निर्माण करा रहे हैं, लेकिन निर्माण के रास्ते में पहाड़ी बाधा बन रही थी, लिहाजा मंत्री जी के भाई ने पहाड़ी को बिना किसी की मंजूरी लिए विस्फाेट के जरिए उड़ा दिया। ब्लास्ट से चट्टानाें के वजनी और बड़े पत्थर राजमार्ग पर आकर गिर गए और सड़क भी टूट कर बिखर गई। जिसके कारण चार घंटे तक यातायात प्रभावित हो गई।
विस्फाेट की जानकारी मिलते ही सेंदड़ा थाना अधिकारी प्रेमाराम विश्नोई, फाेरलेन निर्माण कंपनी एलएंडटी के रूट ऑपरेशन इंचार्ज पांचूराम कुमावत टीम के साथ माैके पर पहुंचे और राजमार्ग पर बिखरी चट्टानाें वाले क्षेत्र को तुरंत प्रभाव से बैरिकेड्स लगाकर बंद करवाया।
इनकी अनुमति जरुरी
बताया गया कि पेट्राेल पंप के आड़े आ रही पहाड़ी काे ब्लास्ट करने से पहले एनएचएआई काे सूचना देनी थी, क्याेंकि यह उसकी संपत्ति है। फाेरलेन निर्माण कंपनी और पुलिस के साथ स्थानीय ग्राम पंचायत प्रशासन काे भी सूचना देनी जरूरी है।