NEWS4NATION DESK : सीएए के विरोध में यूपी में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के पीछे पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ होने के बाद योगी सरकार ने इस संगठन को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की है। इस सिलसिले में पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने एक पत्र केंद्र को भेजा है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि सीएए को लेकर राज्य में हुई हिंसा में पीएफआई कार्यकर्ताओं का हाथ होने के सबूत मिले है। ऐसे संगठनो को बगैर देरी किए प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पीएफआई के कई सदस्य पहले भी प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से ताल्लुक रख चुके हैं।
गौरतलब है कि मेरठ में नागरिकता कानून को लेकर मेरठ में 20 दिसंबर को हिंसा हुई। पुलिस पर गोलियां चलाई गईं, पथराव किया गया। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे पीएफआई और एसडीपीआई का हाथ बताया गया है। पीएफआई संगठन के दो सदस्यों की मेरठ पुलिस ने गिरफ्तारी की है।
खुलासा किया गया कि पीएफआई ने मेरठ के संगठन एसडीपीआई यानी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के साथ मिलकर हिंसा कराई थी। दोनों संगठन के चार लोगों की अभी तक धरपकड़ की जा चुकी है।