Munger- मुंगेर में पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है. इस बार लोग दो अक्टूबर तक अपने पितरों को तर्पण कर सकेंगे. मान्यता है कि पितृ पक्ष में तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और तर्पण करने वालों को सुख-शांति मिलती है.पितृ पक्ष में मुंगेर के कष्ट हरणी गंगा घाट , बबुआ गंगा घाट और सोझि गंगा घाट पर पुरोहितों के द्वारा विधि-विधान से लोगों को तर्पण कराया जा रहा है । वहीं कई लोगों ने खुद गंगा स्नान कर माता-पिता और अपने पूर्वजों के नाम पर तर्पण किया.
पुरोहितों ने बताया कि पितृ पक्ष में कोई शुभ कार्य नहीं होता है. साथ ही इस बीच घर में मांस, मदिरा का सेवन वर्जित रहता है. यहां तक की नाखून और बाल तक कटाने की मनाही होती है. इसको नहीं मामने से व्यक्ति कंगाल तक हो सकता है. अंतिम दिन विसर्जन कर पुरोहित को दान करने के बाद कोई शुभ कार्य शुरू किया जा सकता है.इस संबंध में पुरोहित देवनायक दास कहते हैं कि पितृ पक्ष पूर्वजों से आशीर्वाद लेने का अवसर होता है.
साल भर में पितृ पक्ष ही ऐसा समय है जब हमारे पितर धरती पर उतरते हैं. वो साल भर से प्यासे रहते हैं. उनको यह आशा रहती है कि कुल का कोई वंश आएगा और तर्पण कर उन्हें संतुष्ट करेगा. ऐसा करने से उनका आशीर्वाद सीधे-सीधे तर्पण करने वाले को प्राप्त होता है ।
रिपोर्ट- मो. इम्तियाज खान