DESK. बिजली बिल से परेशान लोगों को फ्री में बिजली उपलब्ध कराने और इसी बहाने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की एक पहल के तहत झारखंड सरकार ने एक अनोखा ऑफर दिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों के लोग अपने घर में पेड़ लगाएंगे तो उन्हें प्रति पेड़ पांच यूनिट बिजली सरकार फ्री में देगी. फ्री बिजली के लिए फलदार पेड़ लगाना होगा. उसे संरक्षण भी करना होगा. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को पर्यावरण के संतुलन से ही रोका जा सकता है. इसके लिए पर्यावरण संरक्षण जरुरी है.
दरअसल, झारखंड के जंगलों में पेड़ों को काटने से बचाने के लिए वन आधारित क्षेत्रों में अब आरा मशीनें अब नहीं लगेंगी. वन क्षेत्र में जो पहले से आरा मशीन है उन आरा मशीनों को भी हटा दिया जाएगा. सरकार ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि आरा मशीनों को जल्द हटाया जाए. सीएम सोरेन ने कहा है कि वन विभाग के अधिकारी वन आधारित क्षेत्रों से आरा मशीनें हटवाना सुनिश्चित करें. सीएम हेमंत सोरेन ने 73वें वन महोत्सव के दौरान इन बातों को कहा.
सीएम ने कहा कि इस साल सरकार ने राज्य में दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है. हम प्राकृतिक के साथ छेड़-छाड़ करते हुए विकास कि सीढियां तो चढ़ रहे हैं लेकिन साथ ही विनाश को भी आमंत्रण दे रहे हैं. अगर किसी कारण से पेड़ कटता है तो पेड़ लगाकर ही उसकी भरपाई की जा सकती है. पेड़ लगाने से पर्यावरण संतुलन बना रहेगा. उन्होने कहा कि शहरीकरण पर्यावरण संतुलन को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहा है. शहरी क्षेत्रों में कंक्रीट के जंगल दिखाई दे रहे हैं. विकास की ऊचाईयों को छूटे-छूटे हम विनाश की ओर कदम बढ़ा रहे हैं.
सीएम ने कहा कि झारखंड की धरती सबसे अलग और अदभुत है. पर्यावरण के लिए चाकुलिया, गिरीडीह, साहिबगंज और दुमका में जैव विविधता पार्क का निर्माण किया जा रहा है. राज्य का पहला और अनूठा फॉसिल्स पार्क बनाया गया है. इस पार्क में धरती की उत्पत्ति से संबंधित कई अवसेश और जानकारियां मिलती है.
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश ग्रामीण और जंगली इलाकों के अलावा शहरी क्षेत्रों में हरियाली को बढ़ाने पर जोर देना है. इसी क्रम में शहरी लोगों से अपील की गई है कि वे अपने घरों में पेड़ लगाएं और फ्री में बिजली पाएं. इसके लिए प्रति पेड़ उन्हें 5 यूनिट फ्री में बिजली मिलेगी.