PATNA : बिहार में प्लास्टिक-पॉलीथिन व कैरी बैग के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाली सरकारी आदेश की संवैधानिकता पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन जनवरी तक अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति ए पी शाही की खण्डपीठ ने प्रियरंजन व अन्य की तरफ से दायर याचिका को सुनते हुए उक्त आदेश दिए। याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार के प्लास्टिक अपशिष्ट नियमावली के आलोक में, सूबे में निश्चित मोटाई से ऊपर की मोटाई के प्लास्टिक पॉलीथिन के इस्तेमाल की गुहार लगाई है।
याचिकाकर्ता के वकील प्रभात रंजन ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्लास्टिक-पॉलिथीन बैग पर पूरी तरह रोक लगाना केंद्रीय प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली का विरोधाभासी है जिसके तहत निश्चित माइक्रोन से अधिक मोटाई वाले पॉलीथिन, कैरी बैग व पाउच बनाने का नियंत्रण व नियम केंद्र सरकार की नियमावली करती है ।
इसी कानूनी बिंदु पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। गौरतलब है कि प्लास्टिक कैरीबैग व पॉलीथिन की भरमार से बोधगया के महाबोधि मंदिर के समीप मुचलिन्द झील के सूखने और झील की परिस्थितितन्त्र नष्ट होने की खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार से इस बाबत जवाब तलब किया था कि सूबे के जलाशयों व इको सिस्टम को बचाने हेतु व्यापक जनहित में सूबे में प्लास्टिक पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा सकता ?
राज्य सरकार की तरफ से हाई कोर्ट को आश्वासन दिया गया था कि पूरे राज्य में प्लास्टिक/ पॉलीथिन/ कैरी बैग पर प्रतिबंध लगाने के उपाय किए जाएंगे। नतीजतन 24 अक्टूबर को प्रकाशित अधिसूचना से सरकार ने राज्य के अंदर किसी भी मोटाई के प्लास्टिक /पॉलीथिन / कैरी बैगों के इस्तेमाल पर पूर्ण रोक लगा दिया है। मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी।