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प्रधानमंत्री मोदी से वर्चुअल संवाद के बाद ज्योति ने कहा बात नहीं होने का रहा मलाल

प्रधानमंत्री मोदी से वर्चुअल संवाद के बाद ज्योति ने कहा बात नहीं होने का रहा मलाल

दरभंगा। लॉकडाउन के दौरान अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर 16 अप्रैल को गुरुग्राम से दरभंगा पहुंची ज्योति एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वर्चुअल संवाद को लेकर सुर्खियों में आ गई हैं। हालांकि सोमवार को पीएम के वर्चुअल संवाद का हिस्सा होने के बाद भी वह उनसे बात नहीं कर सकी। जिसको लेकर ज्योति ने बताया कि उन्हें इसका मलाल है

ज्योति ने मीडिया से बात करते हुए कहा लाइव संवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात नहीं होने का रह गया मलाल यदि कभी मौका मिलेगा उनसे मिलने की है इच्छा वही उन्होंने आगे कहा कि  मैं कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हमारी मुलाकात होगी। वही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री   के द्वारा लाइव कार्यक्रम में चर्चा करना  उनके लिए एक सपने जैसा लग रहा है।

32 साहसी बच्चों में किया गया शामिल

ज्योति की इस हिम्मत और साहस को देश ही नहीं बल्कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप अपने ट्विटर अकाउंट पर तारीफ की थी। वही प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 के लिए देशभर के 32 बच्चों का चयन किया गया हैं जिसमें दरभंगा के ज्योति को शौर्य पुरुस्कार दिया जाएगा । वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ज्योति से वर्चुअल संवाद कर, उसके हिम्मत और साहस को नई उड़ान देने का काम किया है।

इस कारण आई थी चर्चा में

दरअसल ज्योति कुमारी दरभंगा जिला के कमतौल थाना क्षेत्र के सिरहुल्ली गांव की रहने वाली है और ज्योति के पिता मोहन पासवान गुरुग्राम में ई रिक्शा  चलाने का काम किया करते थे। उसी क्रम ज्योति केे पिता का एक्सीडेंट हो गए। जब इस बात की जानकारी उनकेेेे परिवार वालों को लगी तो ज्योति अपने पिता का सेवा करने के लिए गुरुग्राम चली गई। उसी क्रम में पूरे देश में लॉकडाउन लग गया। लॉकडाउन के दौरान इनलोगो के पास बचे रुपये खत्म हो गए मकान मालिक भी घर खाली करने का दबााव बनाने लगे।

जिसके बाद ज्योति ने अपनी साहस का परिचय देते हुए पांच सौ रुपया में एक साइकिल की खरीदारी की और अपने पिता को साइकिल के पीछे बैठा कर गुरुग्राम से निकल पड़ी। यात्रा के दौरान ज्योति को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।लेकिन ज्योति ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और गुरुग्राम से 12 सौ किलोमीटर साइकिल चलाकर महज 6 दिनों में दरभंगा पहुंच गई। जिसके बाद ज्योति को लोग साइकिल गर्ल्स के नाम से जानने लगे। वही ज्योति के इस साहस का चर्चा जब मीडिया की सुर्खियां बनी तो अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप अपने ट्विटर अकाउंट पर तारीफ करते हुए  कही थी कि ऐसी साहसिक कार्य  हिंदुस्तान की बेटी ही कर सकती है।




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