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बिहार दिवस पर पीएम मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई, सीएम नीतीश का बिहार के गौरव को बढ़ाने का संकल्प

बिहार दिवस पर पीएम मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई, सीएम नीतीश का बिहार के गौरव को बढ़ाने का संकल्प

पटना. बिहार 110 साल का हो गया. 22 मार्च 1912 में संयुक्त प्रांत से अलग होकर स्वतंत्र राज्य के रूप में बिहार को अलग पहचान मिली थी. बिहार दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश वासियों को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया - बिहार के सभी भाइयों और बहनों को बिहार दिवस की हार्दिक बधाई. मेरी कामना है कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध यह प्रदेश विकास के नए-नए कीर्तिमान स्थापित करता रहे.

वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने भी बिहार दिवस की बधाई देते हुए ट्वीट किया - बिहार की भूमि वीरों, विद्वानों, महापुरुषों और लोकतंत्र की जननी है. आज 'बिहार दिवस' पर सभी परिश्रमी बिहारवासियों को शुभकामनाएं देता हूँ. बिहार निरंतर विकास के नित नए मापदंड स्थापित कर देश की प्रगति में इसी प्रकार अपना योगदान देता रहेगा, ऐसी कामना करता हूँ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी शुभकामनाएँ दी. उन्होंने कहा, प्राकृतिक संपदाओं से आच्छादित, अध्यात्म व क्रांति की ऐतिहासिक धरा, महान तपस्वियों की जन्मस्थली, उत्कृष्ट शिक्षा एवं समृद्ध संस्कृति की पुण्यधरा बिहार के स्थापना दिवस की बिहार वासियों को हार्दिक बधाई. ईश्वर से कामना है कि बिहार विकास एवं समृद्धि के शिखर को स्पर्श करे.

बिहार दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की महत्ता को उल्लेखित करते हुए सभी को बधाई दी. उन्होंने लिखा, बिहार दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. बिहार निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता रहे. एकता, भाईचारा, सामाजिक समरसता एवं सद्भाव के साथ हम सब मिलकर बिहार को प्रगति की ऊंचाइयों पर पहुंचाने और बिहार का गौरव बढ़ाने का संकल्प लें.

दरअसल जब वर्ष 2005 नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने पहली बार राज्य का स्थापना दिवस बिहार दिवस के रूप में मनाना शुरू किया. तब से हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस का आयोजन होता है. पिछले दो साल से कोरोना के कारण बिहार दिवस का बृहद आयोजन नहीं हो पाया था. इस बार राज्य सरकार तीन दिवसीय आयोजन कर रही है. इसके लिए पटना के गांधी मैदान में विशेष तैयारी की गई है. यहां बिहार के इतिहास, लोक संस्कृति, सभ्यता, खानपान, रीति-रिवाज, महत्वपूर्व घटनाक्रमों और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की गाथा की झलक देखने को मिल सकती है. 


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