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लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे पीएम मोदी, जानिए मोदी ने क्यों कहा - राष्ट्र रहेगा आडवाणी का ऋणी

लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे पीएम मोदी, जानिए मोदी ने क्यों कहा - राष्ट्र रहेगा आडवाणी का ऋणी

DESK. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को उनके 95 जन्मदिन पर बधाई दी। पीएम मोदी ने आडवाणी के जन्मदिन पर उनके आवास पर जाकर पुष्पगुच्छ भेंटकर उन्हें बधाई दी। दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ लंबी गुफ्तगू की. मोदी और आडवाणी की यह मुलाकात लम्बे अरसे बाद हुई । मोदी करीब 40 मिनट तक आडवाणी के घर पर रुके। उनके साथ केक काटा। इस दौरान दोनों के बीच पुरानी यादें ताजा हुईं। मोदी के अलावा राजनाथ सिंह भी आडवाणी के घर उन्हें जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे थे। राजनाथ सिंह ने आडवाणी के साथ फोटो ट्वीट करके लिखा- 'मैं भगवान से उनके अच्छे स्वास्थ्य और लम्बी आयु की कामना करता हूं।' 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित तमाम नेताओं ने आडवाणी को उनके जन्मदिन पर बधाई दी है। शिवराज ने tweet में लिखा-भारतीय जनता पार्टी के हमारे प्रेरणास्त्रोत लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की आत्मीय बधाई। आपने राष्ट्र एवं जनसेवा के लिए जो राह दिखाई है, उसके मंगलकारी प्रकाश में हम प्रदेश की उन्नति एवं जनकल्याण के लिए अविराम कार्य करते रहेंगे।

इससे पहले मोदी ने tweet करके आडवाणी को बधाई दी थी। इसमें मोदी ने लिखा था-'आदरणीय आडवाणी जी को जन्मदिन की बधाई। उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करते हैं। लोगों को सशक्त बनाने और हमारे सांस्कृतिक गौरव को बढ़ाने की दिशा में उनके कई प्रयासों के लिए राष्ट्र उनका ऋणी रहेगा। उन्हें उनकी विद्वतापूर्ण गतिविधियों और समृद्ध बुद्धि के लिए भी व्यापक रूप से सम्मानित किया जाता है।' इस दौरान मोदी ने आडवाणी का हाथ पकड़ा था।


लालकृष्ण आडवाणी ने देश में राम मंदिर आंदोलन को आगे बढ़ाया था। वे सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा लेकर निकले थे। आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी की जोड़ी ने देश में भाजपा की जड़ों को मजबूत करने का काम किया जिसकी बदौलत पहली बार वर्ष 1996 में भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी ने देश प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. बाद में वे 2004 तक देश के पीएम रहे. इस दौरान लालकृष्ण आडवाणी ने गृह मंत्री और बाद में देश के उप प्रधानमंत्री का पदभार संभाला. हालांकि उनका पीएम बनने का सपना पूरा नहीं हुआ. 2014 में जब देश में भाजपा को अपने बलबूते बहुमत मिला तब तक आडवाणी राजनीति में अपनी बढती उम्र के कारण किनारे होने लगे. 

बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची(पाकिस्तान) में हुआ था। वे 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उप-प्रधानमंत्री रहे। 1998 से 2004 के बीच NDA सरकार में गृहमंत्री रहे। वे भाजपा के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं। 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।


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