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‘पीएम मोदी 18,000 लोगों को यूक्रेन से नहीं निकाल पाए वीपी सिंह ने कुवैत से 1.70 लाख को निकाला था’, केंद्र पर बरसे यशवंत सिन्हा

‘पीएम मोदी 18,000 लोगों को यूक्रेन से नहीं निकाल पाए वीपी सिंह ने कुवैत से 1.70 लाख को निकाला था’, केंद्र पर बरसे यशवंत सिन्हा

पटना. यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों को समय रहते भारत लौटने का निर्देश नहीं देने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा  ने मोदी सरकार पर हमलावर होते हुए कहा है कि यह सरकार 18,000 लोगों को नहीं निकाल पा रही है, जबकि 1990 में खाड़ी युद्ध के दौरान भारत ने सफलतापूर्वक बड़ा निकासी अभियान चलाया था. 

सिन्हा ने कहा कि भारत ने 1990 में अगस्त से अक्टूबर के बीच कुवैत से 1,70,000 लोगों को निकाला था. उन्होंने  कहा कि उस वक्त पीएम वीपी सिंह की सरकार में निकासी अभियान की निगरानी पूर्व प्रधानमंत्री इन्दर कुमार गुजराल ने की थी, जो उस समय विदेश मंत्री थे. उन्होंने कहा, यूपी में अभी भी चुनाव हो रहे हैं और इस अवसर का उपयोग यह प्रचार करने के लिए करना कि भारत सरकार ने शानदार काम किया है, किसी बड़ी त्रासदी से कम नहीं है उन्होंने कहा, यूपी में चुनावी रैलियों में पीएम का इस बारे में बात करना बहुत अच्छी बात नहीं है. यह तो सरकार का कर्तव्य है.

यूक्रेन में फंसे भारतीयों को समय पर नहीं निकालने और वर्तमान में हो रही कथित देर पर विपक्षी दल कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस  मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सरकार पर प्रभावी कदम नहीं उठाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस कार्रवाई में लापता रहने का आरोप लगाया है. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने कहा कि यूक्रेन में फंसे लोगों की अनुमानित संख्या केवल 18,000 ही है, जबकि अतीत में भारत द्वारा किये गये एयरलिफ्ट्स की तुलना में यह बहुत बड़ी संख्या नहीं है.

सिन्हा ने कहा सरकार यह भली भांति जानती थी कि संकट आ रहा है. उसे वतन वापस आने के इच्छुक लोगों को लाने के लिए समय पर कदम उठाना चाहिए था, जब यूक्रेन का हवाई क्षेत्र खुला था. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, हवाई क्षेत्र बंद होने के बाद भी यूक्रेन में हमारे दूतावास को छात्रों को बस या जो भी परिवहन उपलब्ध हो, उससे जल्द से जल्द पड़ोसी देशों तक छोड़ने की व्यवस्था करनी चाहिए थी. अब सीमा से लगे देशों में भेजने की बात हो रही है, यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था.

ऑपरेशन होममेकिंग

2 अगस्त 1990 को खाड़ी देशों केे बीच युद्ध छिड़ गया था. इराक और कुवैत के बीच भीषण युद्ध के दौरान भारत सरकार के सामने एक बड़ी समस्या थी कि वहां फंसे करीब पौने दो लाख भारतीयों को सुरक्षित कैसे निकाला जाए. इराकी सेना ने कुवैत में घुसकर भारी तबाही मचाई थी. एयर इंडिया की मदद से एक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन माना जाता है. एयर इंडिया ने करीब 500 बार उड़ान भरी थी और 13 अगस्त से 11 अक्टूबर 1990 तक लगभग 1 लाख 70 हजार भारतीयों को निकाला गया. इतनी बड़ी मात्रा में बचाव कार्यक्रम चलाने के लिए इस घटना को गिनीज बुक में भी जगह मिली. इसे ऑपरेशन होममेकिंग का नाम दिया गया.


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