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प्रशांत किशोर के निशाने पर पीएम मोदी का गढ़ गुजरात, मोदी को घर में मात देने की बड़ी रणनीति पर काम शुरू

प्रशांत किशोर के निशाने पर पीएम मोदी का गढ़ गुजरात, मोदी को घर में मात देने की बड़ी रणनीति पर काम शुरू

DESK. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बड़े बड़े राजनेताओं और राजनीतिक दलों को चुनावी मात देते रहे हैं. पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर इस बार कुछ बड़ा कमाल करने की योजना पर काम कर रहे हैं. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके घर यानी गुजरात में ही विधानसभा चुनावों में भाजपा को मात देने के लिए सियासी रणनीति बनाने में जुट गये हैं. इसे लेकर अब कई प्रकार की अटकलें हैं. 

सूत्रों की मानें तो इस वर्ष के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से अपदस्थ करने के लिए पीके ने बड़ी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इसके लिए उन्होंने कांग्रेस के साथ गुपचुप बातचीत शुरू कर दी है. गुजरात में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बढिया प्रदर्शन किया था लेकिन सत्ता में वापसी नहीं कर पाई थी. ऐसे में इस बार पीके की चुनावी चाल के सहारे कांग्रेस ने गुजरात में भाजपा को मात देने की योजना बनानी शुरू की है. 

पीके से जुड़े निकटस्थों का कहना है कि गुजरात चुनाव के लिए वे एक्शन में आ चुके हैं. गुजरात चुनाव के मद्देनजर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संपर्क किया है. हालांकि पीके और राहुल गांधी के बीच किसी प्रकार की वार्ता को लेकर फ़िलहाल दोनों की ओर से कोई दावा नहीं किया गया है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि पीके ने खुद कांग्रेस को गुजरात में उनकी रणनीति के तहत काम करने का ऑफर दिया है. 


हाल ही में आए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सभी राज्यों में करारी हार मिली. यहां तक कि उत्तर प्रदेश में पार्टी का किसी तरह खाता खुला तो पंजाब में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया. ऐसे में पीएम मोदी के गढ़ गुजरात में भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस को जमीनी स्तर पर बड़ा काम करना होगा. हालांकि कुछ समय पूर्व कांग्रेस और पीके के बीच दूरियां बढ़ गई थी. ऐसे में अब गुजरात को लेकर क्या दोनों साथ आते हैं यह बेहद अहम होगा. 

प्रशांत किशोर इन दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के सीएम केसी राव के दलों से जुड़े बताए जाते हैं. इस वर्ष होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी पीके के बारे में कहा जा रहा है कि विपक्ष को एकजुट करने के लिए केसी राव को विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों से मिलाने की रणनीति उन्होंने ही बनाई है. 

182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में इस समय भाजपा के 111 विधायक हैं. वहीं कांग्रेस के 64 विधायक हैं. हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 77 विधायक जीते थे. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एक बार फिर से पुरजोर वापसी की तैयारी कांग्रेस ने की है. हाल ही में सोनिया गाँधी ने गुजरात के लिए कांग्रेस पार्टी की तरफ से उपाध्यक्ष, जनरल सेक्रेटरी और प्रोटोकॉल के नामों की लिस्ट जारी की थी. इसमें 80 लोगों के नाम शामिल थे. 


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