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ग्राहकों द्वारा पासबुक अपडेट नहीं कराने का पीएनबी बैंक मैनेजर ने उठाया फायदा, सैकड़ों लोगों के खाते से गायब कर दिए 20 लाख रुपए, ऐसे आया मामला सामने

ग्राहकों द्वारा पासबुक अपडेट नहीं कराने का पीएनबी बैंक मैनेजर ने उठाया फायदा, सैकड़ों लोगों के खाते से गायब कर दिए 20 लाख रुपए, ऐसे आया मामला सामने

PATNA : हाल के दिनों में पंजाब नेशनल बैंक का नाम ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने की जगह उन्हें चूना लगाने को लेकर ज्यादा चर्चा में रहा है। मुजफ्फरपुर में तीन करोड़ से अधिक के घोटाले के बाद अब ऐसा ही एक मामला पटना से सटे धनरुआ थाने से सामने आया है। जहां संचालित पीएनबी के शाखा प्रबंधक को ग्राहकों के लाखों रुपए गबन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

सोमवार को यूपी के गोरखपुर पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए धनरुआ पहुंची थी। जहां पीएनबी बैंक मैनेजर रजनीश कुमार को गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद बैंक का कामकाज ठप हो गया। गिरफ्तार बैंक मैनेजर नालंदा के बिंद थाना के निगराईन गांव के रामचंद्र प्रसाद का पुत्र बताया गया है। ब्रांच मैनेजर के विरुद्ध गबन का मामला दर्ज था और छह माह पहले से गिरफ्तारी वारंट निकला था। जिसमें यूपी पुलिस ब्रांच मैनेजर को गोरखपुर लेकर चली गई। 

इस तरह करता था पैसे की चोरी

जानकारी के मुताबिक, रजनीश कुमार पर यूपी के गोरखपुर के अकौना थाना की अकौना ब्रांच में मैनेजर रहने के दौरान फर्जीवाड़ा कर ग्राहकों का पैसा निकालने का मामला दर्ज था। ब्रांच के कई ग्राहकों के खाते से हर माह तीन-चार हजार की अवैध निकासी की जाती थी। ग्राहक इससे अनभिज्ञ थे। ब्रांच में पासबुक अपडेट नहीं होती थी। जिसका फायदा बैंक मैनेजर उठाता था। 

बैंक के ऑडिट से पकड़ाया

रजनीश द्वारा किए जा रहे पैसें के गबन का सच तब सामने आया, जब बैंक की ऑडिट जांच की गई। आडिट रिपोर्ट के मुताबिक पैसे की निकासी ब्रांच मैनेजर की जानकारी में होती थी। उसके विरुद्ध 20 लाख से अधिक के गबन का मामला है। लेकिन जैसे ही इस पूरे मामले में बैंक मैनेजर के खिलाफ गोरखपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई गई, आरोपी प्रबंधक ने अपना तबादला धनरुआ के पीएनबी शाखा में करवा लिया। 

जिसके बाद कई बार गोरखपुर पुलिस द्वारा लिखित पत्र देकर थाने में उपस्थित होकर मामले पर पक्ष रखने को कहा गया, लेकिन ब्रांच मैनेजर उपस्थित नहीं हुआ। यूपी पुलिस के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि ब्रांच मैनेजर का एक गिरोह सक्रिय है जो ग्राहक के खाते से अवैध पैसे की निकासी करता है। 

गिरफ्तारी से बचने के लिए लगाए सारे जुगाड़

गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस को  पैरवी के लिए कई वरीय अधिकारियों के फोन आ रहे थे। धनरुआ पुलिस से भी पैरवी करने का आग्रह किया गया। यूपी पुलिस आनन-फानन में कागजी प्रक्रिया पूरी कर ब्रांच मैनेजर को साथ लेकर चली गई। गिरफ्तारी के बाद बैंक का कामकाज ठप हो गया।


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